जानिए, क्या है स्टारलिंक, जिसने उड़ा दी है अमेरिका की नींद

रूस ने एक ऐसा हथियार बनाने का दावा किया है जो अमेरिका की नींद उड़ा सकता है. इस नए हथियार के जरिए रूसी सेना सैटेलाइट के सिग्रल की पहचान कर ड्रोन और यूएवी का पता लगा सकती है. रूस ने यह भी कहा है कि वह अपने नए सिस्टम का यूक्रेन के अंदर परीक्षण कर रहा है.  

रूसी सेना का नया सिस्टम स्टारलिंक जैसी उपग्रह प्रणालियों से जुड़े दुश्मन के मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों (UAV) की पहचान कर सकता है और उनके सिग्नल का पता लगाकर उन्हें नष्ट कर सकता है. रूस का ये सिस्टम स्टारलिंक किलर के नाम से मशहूर है. आधिकारिक तौर पर इसे कलिंका मॉनिटरिंग सिस्टम कहा जाता है.

जानते है स्टारलिंक की खासियत

रूस की समाचार एजेंसी स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सेना इस समय यूक्रेन में अपनी नई कलिंका निगरानी प्रणाली का परीक्षण कर रही है. यह 15 किलोमीटर की दूरी तक हवाई और समुद्री ड्रोन का पता लगा सकती है. इसे रूस के सेंटर फॉर अनमैन्ड सिस्टम एंड टेक्लोनलॉजी (CBST) ने विकसित किया है.

कलिंका सिस्टम रूसी सेना को स्टारलिंक टर्मिनलों का जल्दी से पता लगाने और उन्हें निशाना बनाने में मदद कर सकती है. कालिंका में स्पष्ट रूप से गतिशील और स्थिर दोनों स्टारलिंक संचार नोड्स का पता लगाने की क्षमता है. इसे जेट स्की, नाव और हेलीकॉप्टर सहित विभिन्न प्लेटफार्मों में भी एकीकृत किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, इस टेक्नोलॉजी का उपयोग संघर्ष क्षेत्रों के भीतर जमीन पर तैनात स्टारलिंक संचार टर्मिनलों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है. 

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बड़ी संख्या में दिए है स्टारलिंक संचार टर्मिनल

इस तकनीक से सबसे ज्यादा खतरा एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को लग रहा होगा. फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद अमेरिका ने यूक्रेन की सेना को बड़ी संख्या में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के स्टारलिंक संचार टर्मिनल दिए हैं. जिसके जरिए यूक्रेनी सेना अपने अभियानों के कोऑर्डिनेशन और हवाई व नौसैनिक ड्रोन से जुड़ने के लिए स्टारलिंक का उपयोग कर रही है. ऐसे में रूस का कलिंका मॉनिटरिंग सिस्टम स्टारलिंक किलर रूस को युद्ध के मौदान में बढ़त दिला सकता है.

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