रक्षा मंत्री Rajnath Singh का आह्वान: पारंपरिक युद्ध से आगे बढ़कर नई चुनौतियों के लिए तैयार रहें

रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने सशस्त्र बलों से कहा कि वे युद्ध की पारंपरिक अवधारणाओं से आगे बढ़कर सूचना, वैचारिक, पारिस्थितिक और जैविक युद्ध जैसी नई चुनौतियों के लिए तैयार रहें. उन्होंने यह संदेश कोलकाता में आयोजित संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2025 में दिया.
युद्ध का बदलता स्वरूप और नई चुनौतियाँ
रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने कहा,
“युद्ध की प्रकृति लगातार बदल रही है और हाल के वैश्विक संघर्षों ने यह साबित किया है कि केवल पारंपरिक सैन्य क्षमता पर्याप्त नहीं है. “आज के युद्ध अप्रत्याशित हैं – इनकी अवधि दो महीने, एक साल या पाँच साल तक भी हो सकती है. इसलिए हमारी सेनाओं की तैयारी और क्षमता हमेशा मजबूत रहनी चाहिए,”
सुदर्शन चक्र की दृष्टि और भविष्य की योजनाएँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप, राजनाथ सिंह ने कमांडरों से सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने और “सुदर्शन चक्र” निर्माण के लिए प्रयास करने का आह्वान किया. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक समिति बनाई गई है, जो अगले पाँच और दस वर्षों के लिए क्रमशः मध्यम और दीर्घकालिक योजनाएँ तैयार करेगी.
आत्मनिर्भर भारत और रक्षा नवाचार
रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता केवल नारा नहीं बल्कि सामरिक स्वायत्तता की कुंजी है. स्वदेशी रक्षा प्रणालियाँ न केवल भारत की सुरक्षा क्षमता को बढ़ा रही हैं, बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार और रक्षा उद्योग को भी नई गति दे रही हैं.
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के “जय – संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और नवाचार” के मंत्र पर जोर दिया और निजी क्षेत्र, उद्योग और शिक्षाविदों के साथ गहरे सहयोग की वकालत की.
ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
रक्षा मंत्री ने हाल ही में सफल रहे ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की शक्ति, रणनीति और साहस का प्रतीक है. उन्होंने सेनाओं के अनुकरणीय प्रदर्शन और स्वदेशी प्रणालियों की अहमियत पर बल दिया.
रक्षा खरीद में सुधार
रक्षा मंत्री ने रक्षा खरीद मैनुअल 2025 को मंजूरी देने की घोषणा की. इसके साथ ही, रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 को संशोधित किया जा रहा है ताकि प्रक्रियाएँ सरल हों, देरी कम हो और सेनाओं को तेज़ी से आधुनिक क्षमता मिल सके.
सम्मेलन में मौजूद रहे वरिष्ठ अधिकारी
सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और रक्षा क्षेत्र के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.