Turkey का KAAN Jet अब उड़ान भरेगा इंडोनेशिया से! America को पीछे छोड़ तुर्की की सबसे बड़ी डिफेंस डील

Turkey के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 11 जून को 48 कान लड़ाकू विमानों का निर्यात इंडोनेशिया को करने का ऐलान किया था. अब आधिकारिक तौर पर डील पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं.
तुर्की और इंडोनेशिया ने कान (KAAN) लड़ाकू विमानों की खरीद का समझौता फाइनल कर लिया है. ये डिफेंस डील 10 अरब डॉलर की है.
इस्तांबुल में अंतर्राष्ट्रीय रक्षा मेले (आईडीईएफ) के दौरान 48 लड़ाकू विमानों की बिक्री की डील पर दोनों देशों के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए. तुर्की का यह इस फाइटर जेट के लिए पहला निर्यात सौदा है. तुर्की के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए इंडोनेशिया तुर्की के इन स्वदेशी विमानों का पहला खरीदार बन गया है. KAAN फाइटर जेट को Turkish Aerospace Industries (TAI) ने बनाया है.
जेट का सीरियल प्रोडक्शन 2028 में शुरू होगा
इंडोनेशिया और तुर्की के बीच हुए इस सौदे में 10 साल की अवधि में इंडोनेशिया में इन विमानों का उत्पादन भी शामिल है. डील के तहत इंडोनेशिया में नई फेसिलिटी स्थापित की जाएंगी. तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (TAI) व्यापक औद्योगिक साझेदारी के तहत इंडोनेशिया में अपने प्लांट लगाएगी. जेट का सीरियल प्रोडक्शन 2028 में शुरू होगा. KAAN को पहले TF-X के नाम से जाना जाता था. फिलहाल यह जेट तुर्की के रक्षा आधुनिकीकरण की प्रमुख परियोजना है.
जानते हैं Turkey KAAN की खासियत

कान पांचवीं पीढ़ी का युद्धक विमान है. इस पर तुर्की बीते एक दशक से काम कर रहा है. इस जेट का पहली बार सार्वजनिक रूप से अनावरण 2023 में किया गया था. इसके बाद पहली उड़ान 21 फरवरी 2024 में इसने अपनी पहली सफल परीक्षण उड़ान भरी.
तुर्की के इस फाइटर जेट की लंबाई लगभग 21 मीटर है, जबकि इसका विंगस्पैन लगभग 14 मीटर है. इसकी स्पीड स्पीड मैक 1.8+ (2200+ किमी/घंटा अनुमानित) है. जबकि इसका रेंज 2000 किलोमीटर है.
KAAN में लगे है General Electric के F110 इंजन
फिलहाल KAAN में अमेरिका के General Electric द्वारा बनाए गए F110 इंजन लगे हैं. लेकिन तुर्की की योजना है कि 2028 के बाद इसमें स्वदेशी टर्बोफैन इंजन लगाया जाए, जो TRMotor द्वारा विकसित किया जा रहा है.
KAAN को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि उसकी रडार पर पकड़ मुश्किल हो. Low RCS और RAM कोटिंग के साथ-साथ इसमें Internal Weapon Bays भी हैं, ताकि हथियारों की वजह से स्टील्थ क्षमता प्रभावित न हो.
इस फाइटर जेट में हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले, स्मार्ट HUD, और डिजिटल मल्टी-सेंसर फ्यूज़न सिस्टम है. जिससे पायलट को battlefield का 360° व्यू मिलता है.
KAAN में लगा है अत्याधुनिक AESA रडार
KAAN में लगा है अत्याधुनिक Active Electronically Scanned Array (AESA) रडार, जो दुश्मन की गतिविधियों को लंबी दूरी से पकड़ सकता है. साथ ही इसमें इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स और साइबर प्रोटेक्शन भी है.
KAAN बिना Afterburner के भी सुपरसोनिक स्पीड (Supercruise) हासिल कर सकता है — एक ऐसा फीचर जो अब तक सिर्फ F-22 जैसे फाइटर्स में देखा गया है. इसका डिज़ाइन dogfights में भी अधिकतम maneuvering के लिए उपयुक्त है.
KAAN से BVR (Beyond Visual Range) मिसाइलें भी दागे जा सकते हैं, जिसमें Air-to-Air और Air-to-Ground दोनों तरह के हथियार शामिल है. भविष्य में इसमें Directed Energy Weapons जैसे लेज़र सिस्टम जोड़ने की योजना भी है.
तुर्की ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट कान (KAAN) को हवाई श्रेष्ठता, सटीक हमले और सर्वाइवल पर ध्यान केंद्रित करते हुए बहुउद्देशीय हवाई युद्ध क्षमताएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया है. इस विमान का विकास तुर्की प्रेसीडेंट रेसेप एर्दोगन की घरेलू एयरोस्पेस उत्पादन को बढ़ावा देने के महत्वाकांक्षी प्लान का हिस्सा है.
अमेरिका से F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदना चाहता था तुर्की
तुर्की लंबे समय से अमेरिका से F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदना चाहता था, लेकिन अमेरिका ने अब तक इसकी मंजूरी नहीं दी है. इस विवाद के पीछे दो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं — पहला, तुर्की द्वारा रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद, और दूसरा, इज़राइल के साथ लगातार बिगड़ते रिश्ते.
अमेरिका का मानना है कि S-400 जैसी रूसी प्रणाली को NATO सैन्य नेटवर्क में शामिल करना सुरक्षा के लिए खतरा है. वॉशिंगटन ने तुर्की से इस सिस्टम को त्यागने की मांग की, लेकिन अंकारा ने इसे ठुकरा दिया. नतीजा – तुर्की को F-35 कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया.
फिलहाल तुर्की को पहली कामयाबी मिल गई है. तुर्की की इस फाइटर जेट पर पाकिस्तान की भी नजर है. हो सकता है कि आने वाले समय में पाकिस्तान भी इस फाइटर जेट को खरीदे.
भारत को समय रहते अपनी तैयारियों को पुख्ता करना होगा.
One thought on “Turkey का KAAN Jet अब उड़ान भरेगा इंडोनेशिया से! America को पीछे छोड़ तुर्की की सबसे बड़ी डिफेंस डील”