तमिलनाडु में बनेगा भारत का अत्याधुनिक रक्षा परीक्षण केंद्र, MOD ने किया बड़ा समझौता

रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने 28 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा परीक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर योजना (डीटीआईएस) के अंतर्गत तिरुचिरापल्ली में यांत्रिक एवं सामग्री क्षेत्र में तमिलनाडु रक्षा औद्योगिक गलियारे में एक अत्याधुनिक परीक्षण सुविधा स्थापित करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
रक्षा मंत्रालय के सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार की उपस्थिति में रक्षा मंत्रालय और तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (टीआईडीसीओ) के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इस समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया.
डीटीआईएस 75 प्रतिशत तक सरकारी वित्त पोषण ‘अनुदान सहायता’ के रूप में प्रदान करता है. शेष 25 प्रतिशत विशेष प्रयोजन उपाय (एसपीवी) द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. इसमें भारतीय निजी संस्थाएं और राज्य/केन्द्र सरकारें शामिल होती हैं.

यांत्रिक एवं सामग्री क्षेत्र परीक्षण सुविधा के लिए, एक निजी संस्था, माइक्रो लैब्स, प्रमुख एसपीवी सदस्य है. एसपीवी संघ के अन्य सदस्य तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और वैधेश्वरन इंडस्ट्रीज हैं.
परियोजना के पूरा होने पर, यह सरकारी और निजी दोनों उद्योगों को उन्नत परीक्षण उपकरण और सेवाएं प्रदान करेगा. इससे रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा मिलेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, निजी उद्योग और केंद्र/राज्य सरकार के सहयोग से अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने हेतु डीटीआईएस का शुभारंभ किया. इसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उत्पादन के माध्यम से और सैन्य उपकरणों के आयात को कम करके आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है. रक्षा औद्योगिक गलियारों के अंतर्गत रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों को गति प्रदान करने के लिए, सात परीक्षण सुविधाओं – चार तमिलनाडु में और तीन उत्तर प्रदेश को मंजूरी दी गई.
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