MGS 8×8: Made in India आर्टिलरी जिसने दुनिया को हैरान कर दिया!

क्या आपने कभी सोचा है कि युद्ध के मैदान में एक ऐसी तोप हो जो ना सिर्फ दुश्मनों के छक्के छुड़ा दे, बल्कि हर मौसम और हर परिस्थिति में आग उगल सके?
आज हम आपको एक ऐसे ही भारतीय हथियार से रूबरू कराने वाले हैं, जिसने पूरी दुनिया में अपनी धाक जमा ली है!
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं कल्याणी ग्रुप की अत्याधुनिक MGS 8×8 माउंटेन आर्टिलरी गन सिस्टम की!
ये सिर्फ एक तोप नहीं, बल्कि युद्ध के मैदान का एक ऐसा शेर है जो अपनी दहाड़ से दुश्मनों के दिलों में खौफ पैदा कर देता है.
एक हैवी ट्रक पर तैनात किए जा सकने वाली 155 मिमी. तोप को 8×8 क्षमता के तेज-गतिशील ट्रक के हिसाब से डिजाइन और विकसित किया गया है. इसे ARDE ने डिज़ाइन और विकसित किया है.
दोस्तों, कल्पना कीजिए, -4 डिग्री की कड़ाके की ठंड हो या फिर 45 डिग्री की चिलचिलाती गर्मी, ये तोप हर मौसम में काम करती है!
क्या आप जानते हैं कि ये दुनिया की इकलौती तोप है जो ज़ोन 1 से लेकर ज़ोन 7 तक फायर करने की क्षमता रखती है? इसका मतलब है कि इसकी मारक क्षमता बेजोड़ है, और ये दुश्मन को कहीं भी छिपने का मौका नहीं देती!
अब आप सोच रहे होंगे कि इतनी ताकतवर तोप को इस्तेमाल करना कितना मुश्किल होगा?
यहीं पर MGS 8×8 का स्मार्ट डिज़ाइन सामने आता है. ये बंदूक क्विक शूट एंड स्कूट कैपेबिलिटी से लैस है! यानी, तेजी से फायर करो और तुरंत जगह बदलो, ताकि दुश्मन को पता ही न चले कि हमला कहां से हुआ! और वो भी बेहतरीन सटीकता और निरंतरता के साथ!
इसकी कुछ ऐसी खूबियां हैं जो इसे वाकई में खास बनाती हैं. क्या आप जानना चाहेंगे कि इसमें कौन-कौन से आधुनिक फीचर्स हैं?
तो हम आपको बताते है कि इसमें कौन-कौन सी फीचर है…
इसमें है ऑटो लोडिंग और पोजिशनिंग सिस्टम, जो मानवीय हस्तक्षेप को कम करता है और गति बढ़ाता है. ऑटोमैटिक एम्युनिशन हैंडलिंग सिस्टम से गोला-बारूद को संभालना आसान और सुरक्षित हो जाता है. ऑटो लेइंग इसे तेजी से लक्ष्य पर निशाना साधने में मदद करता है.
और हाँ, सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है!
सेफ्टी इंटरलॉक और रिडंडेंसी सिस्टम इसे बेहद सुरक्षित बनाते हैं. सबसे खास बात, ये तोप पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ड्राइव्स पर चलती है! इसका मतलब है कम से कम मेंटेनेंस और कम से कम खराबी, जो युद्ध के मैदान में बेहद ज़रूरी है.
इसकी 25 लीटर की हाई चैंबर वॉल्यूम इसे और भी शक्तिशाली बनाती है, और भविष्य में इसे और भी अपग्रेड करने का प्रावधान है. साथ ही, इसमें लगा मज़ल वेलोसिटी रडार हर शॉट की गति को ट्रैक करता है, जिससे सटीकता और भी बढ़ जाती है.
यह 1 मिनट में 6 गोलों की बौछार कर सकता है
इसकी रेंज 45 किलोमीटर है, जबकि यह 1 मिनट में 6 गोलों की बौछार कर सकता है. यह सिर्फ 85 सेकंड में तैयार होकर दोबारा गोलों की बौछार कर सकता है और 50 स्क्वायर मीटर का इलाका तबाह कर सकता है.
ये गन सिस्टम 90 km/h की रफ्तार से दौड़ता है और पूरी तरह से ऑटोमैटिक है. सबसे बड़ी बात — ये पूरी तरह स्वदेशी है!
इतना ही नहीं जिस गन सिस्टम को भारत ने महज़ 15 करोड़ में बनाया है…उसी जैसी ताकतवर तोप विदेश से खरीदनी पड़े, तो कीमत होगी 30 से 35 करोड़ रुपये!
यानि आधी कीमत में दोगुनी मारक क्षमता! मतलब साफ है कि भारत की ताकत पहले से कहीं ज्यादा घातक बन चुकी है!