INS तमाल भारतीय बेड़े में शामिल – दुश्मनों की रडार से बचकर वार करेगा ये स्टील्थ फ्रिगेट

इंडियन नेवी को एक और वॉरशिप मिल गया है, नाम है- INS तमाल (F-71).
आईएनएस तमाल को रूस के कलिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह की मौजूदगी में नौसेना में शामिल किया गया.
सेरेमनी के दौरान INS तमाल का कमीशनिंग पेनेंट (pennant) यानी पताखा भी फहराया गई जो इस बात का प्रतीक है कि वॉरशिप अब सक्रिय सेवा में आ गया है. कैप्टन श्रीधर टाटा को कमीशन किए गए नए अत्याधुनिक युद्धपोत INS तमाल का कमांडर नियुक्त किया गया है. जो मिसाइल और तोपखाना युद्ध विशेषज्ञ हैं.
तमाल जहाज तुशील श्रेणी का दूसरा युद्धपोत
आईएनएस तमाल परियोजना 1135.6 की सीरीज में आठवां मल्टी-रोल स्टील्थ फ्रिगेट है तथा तुशील श्रेणी के अतिरिक्त अनुवर्ती जहाजों में से दूसरा है. तुशील श्रेणी का पहला जहाज (आईएनएस तुशील) 9 दिसंबर 2024 को रक्षा मंत्री की उपस्थिति में शामिल किया गया था. अब तक शामिल किए गए सभी सात जहाज पश्चिमी नौसेना कमान के तहत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े- ‘द स्वॉर्ड आर्म’ का हिस्सा हैं.
“तमाल” नाम से जाना जाने वाला यह युद्धपोत पिछले दो दशकों में रूस से प्राप्त किये किए गए क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट की श्रृंखला में आठवां घातक जंगी जलयान है. तमाल जहाज तुशील श्रेणी का ऐसा दूसरा युद्धपोत है, जो अपने पूर्ववर्ती जहाजों तलवार और तेग श्रेणी का उन्नत संस्करण व गोपनीयता से कार्य करने वाला जलपोत है. इन दोनों ही श्रेणियों में से प्रत्येक में तीन-तीन जंगी जहाज हैं.

तमाल युद्धपोत का निर्माण रूस के कैलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में किया गया है और यह भारतीय नौसेना में विदेशी स्रोत से शामिल होने वाला अंतिम युद्धपोत है, जो भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत तथा मेक इन इंडिया कार्यक्रमों के अनुरूप है.
24 फरवरी 2022 को किया गया था लॉन्च
आईएनएस तमाल समुद्र में एक दुर्जेय गतिशील किला है और इसे सभी चार आयामों अर्थात् वायु, सतह, पानी के नीचे और विद्युतचुंबकीय (electromagnetic) नौसैनिक युद्ध के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस जहाज को 24 फरवरी 2022 को लॉन्च किया गया था.
यह नवंबर 2024 में अपने पहले समुद्री परीक्षणों के लिए रवाना हुआ और जून 2025 तक बंदरगाह और समुद्र दोनों में फैक्ट्री ट्रायल स्टेट कमेटी ट्रायल और डिलीवरी स्वीकृति परीक्षणों का एक विस्तृत कार्यक्रम पूरा कर लिया.
जहाज ने अपनी सभी रूसी हथियार प्रणालियों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसमें ऊर्ध्वाधर रूप से प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल श्टिल-1, तोपखाने के हथियार और टारपीडो शामिल हैं.

यह युद्धपोत 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी घातक जहाज है. तमाल भारतीय और रूसी अत्याधुनिक तकनीकों व युद्धपोत निर्माण में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का एक प्रभावशाली मिश्रण है.
इस जहाज का नया डिजाइन इसे उन्नत विध्वंसक विशेषताएं और अधिक स्थिरता विशेषताएं प्रदान करता है. तमाल जहाज युद्ध की नवीनतम तकनीक से लैस है. इस जहाज में 26% उपकरण स्वदेशी लगे हुए हैं.
अत्याधुनिक हथियारों से लैंस है आईएनएस तमाल
जिसमें जहाज-रोधी और जमीन पर हमला करने की क्षमताओं के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली, सतह निगरानी रडार कॉम्प्लेक्स तथा पनडुब्बी रोधी हथियार फायरिंग कॉम्प्लेक्स के साथ एचयूएमएसए एनजी एमके II सोनार एवं भारतीय मूल के कई अत्याधुनिक हथियार व सेंसर प्रणाली स्थापित की गई हैं.
इस जहाज के शस्त्रागार में अपने पूर्ववर्ती युद्धपोतों की तुलना में महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं, जिनमें लंबवत प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत 100 मिलीमीटर तोप, मानक 30 मिलीमीटर गन क्लोज-इन हथियार प्रणाली के आलावा आधुनिक समय की ईओ/आईआर प्रणाली, अत्यधिक भार वाले टारपीडो, तत्काल हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट और अनेक निगरानी एवं अग्नि नियंत्रण रडार तथा अन्य प्रणालियां शामिल हैं. इसमें आधुनिक संचार और डेटा-लिंक प्रणाली, नेविगेशन उपकरण और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा भी शामिल है, जो इस जहाज को नौसैन्य संचालन के लिए एक शक्तिशाली जलयान बनाता है.
यह जहाज उन्नत पनडुब्बी रोधी और वायुजनित पूर्व चेतावनी हेलीकॉप्टर, कामोव 28 और कामोव 31 को भी ले जाने में सक्षम है, जो जबरदस्त बल-गुणक हैं. युद्धपोत के लड़ाकू सामर्थ्य को नेटवर्क केंद्रित युद्धक क्षमताओं और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली द्वारा बढ़ाया गया है. तमाल अपने भार से कहीं अधिक शक्तिशाली है. इसकी अधिकतम गति 30 नॉट से ज्यादा है.
इस जहाज को परमाणु, जैविक और रासायनिक सुरक्षा के लिए जटिल स्वचालित प्रणालियों से सुसज्जित किया गया है, जिसमें क्षति नियंत्रण और अग्निशमन भी शामिल है, जिसे सुरक्षित चौकियों से केंद्रीय रूप से संचालित किया जा सकता है. ये जटिल प्रणालियाँ हताहतों की संख्या को न्यूनतम करने, युद्ध प्रभावशीलता की तीव्र बहाली, युद्ध क्षमता और उत्तरजीविता को बढ़ाने में सहायता करती हैं.
दोस्तों आपके मन में सवाल जरुर आया होगा कि इसका नाम तमाल क्यों रखा गया है, तो जानते है

इस युद्धपोत का नाम तमाल रखा गया है, जो देवताओं के राजा इंद्र द्वारा युद्ध के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पौराणिक तलवार का प्रतीक है. इस जहाज का शुभंकर भारतीय पौराणिक कथाओं के अमर भालू राजा ‘जाम्बवंत’ और रूसी राष्ट्रीय पशु – यूरेशियन भूरे भालू की समानता से प्रेरित है.
आईएनएस तमाल पर करीब 250 नौसैनिक और 26 अधिकारी तैनात हैं. तमाल का आदर्श वाक्य, ‘सर्वदा सर्वत्र विजय’ (हर समय विजयी) है. यह प्रत्येक मिशन में परिचालन उत्कृष्टता हेतु भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो इसके आदर्श वाक्य ‘राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा करने वाला – कभी भी, कहीं भी युद्ध हेतु तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल’ का पूरक भी है.
यह जहाज जल्द ही कर्नाटक के कारवार स्थित अपने गृह बंदरगाह के लिए अपनी पहली यात्रा पर रवाना होगा. तमाल रास्ते में विभिन्न बंदरगाहों पर जाएगा और अपनी युद्धक क्षमता का प्रदर्शन करेगा. यह युद्ध के लिए तैयार स्थिति में भारत पहुंचेगा और समुद्री क्षेत्र पर अपना दबदबा बनाएगा.
तमाल युद्धपोत नौसेना में शामिल होने के बाद पश्चिमी नौसेना कमान के अंतर्गत भारतीय नौसेना की ‘स्वॉर्ड आर्म’, पश्चिमी बेड़े में तैनात हो जाएगा. यह न केवल भारतीय नौसेना की बढ़ती हुई क्षमताओं का प्रतीक होगा, बल्कि भारत-रूस साझेदारी की सहयोगी शक्ति का भी विशिष्ट उदाहरण पेश करेगा.
तमाल लंबे समय से चले आ रहे भारत-रूस सहयोग और मित्रता का प्रमाण है, जो समय की कसौटी पर खरा उतरता है.
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