PM मोदी ने INS Vikrant पर मनाई दिवाली, कहा- “यह सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, 21वीं सदी के भारत की शक्ति और संकल्प का प्रतीक है”

PM नरेंद्र मोदी ने इस बार दिवाली का पर्व देश के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS Vikrant पर भारतीय नौसेना के वीर जवानों के साथ मनाया. उन्होंने कहा कि INS Vikrant सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि भारत की मेहनत, प्रतिभा और आत्मनिर्भरता का जीवंत प्रतीक है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारतीय सशस्त्र बलों के साहस, त्याग और समर्पण को नमन किया.
PM मोदी का संदेश
INS Vikrant पर आयोजित दिवाली समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“यह दिवाली का प्रकाश भारत की शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है। INS Vikrant सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भारत की सामर्थ्य, संकल्प और ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की मिसाल है.”
उन्होंने आगे कहा कि समुद्र की लहरों के बीच देश की सुरक्षा में तैनात नौसेना के जवान असली प्रहरी हैं, जिनकी वजह से भारत सुरक्षित है और प्रगति कर रहा है.
आत्मनिर्भर भारत की मिसाल – INS Vikrant
INS Vikrant देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत (Indigenous Aircraft Carrier) है, जिसे पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित इस पोत ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है जिनके पास स्वदेशी विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है.
प्रधानमंत्री ने कहा,

“INS Vikrant इस बात का प्रमाण है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है. यह सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र के आत्मविश्वास की कहानी है.”
नौसेना की बढ़ती ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत का रक्षा उत्पादन तीन गुना बढ़ा है, और अब हर 40 दिन में एक नया युद्धपोत या पनडुब्बी नौसेना में शामिल की जा रही है.
उन्होंने कहा कि यह बदलाव न सिर्फ ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता का परिणाम है, बल्कि भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण का भी संकेत है.

समुद्री सुरक्षा में भारत की भूमिका
मोदी ने यह भी कहा कि आज हिंद महासागर दुनिया के लिए जीवनरेखा की तरह है,
“विश्व की 66% तेल आपूर्ति और 50% कंटेनर ट्रैफिक हिंद महासागर से होकर गुजरता है. ऐसे में भारत की नौसेना को महासागर का संरक्षक कहा जा सकता है.”
उन्होंने बताया कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा में बल्कि वैश्विक समुद्री व्यापार और स्थिरता के संरक्षण में भी एक अहम भूमिका निभा रहा है.
माओवादी हिंसा में भारी कमी

प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि 2014 में देश में लगभग 125 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे, जो अब घटकर केवल 11 जिले रह गए हैं.
उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारतीय सुरक्षा बलों के साहस और समन्वय का परिणाम है.
नौसेना कर्मियों के प्रति आभार
प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना अधिकारियों और जवानों के साथ दीप प्रज्वलन किया और उन्हें देश की ओर से शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा,
“आप सबकी ड्यूटी, आपका साहस और आपका त्याग ही असली देशभक्ति है. जब आप देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, तब 140 करोड़ भारतीय निश्चिंत होकर त्योहार मना पाते हैं.”
INS Vikrant पर मनाई गई यह दिवाली सिर्फ एक उत्सव नहीं थी, बल्कि यह भारत की आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति, वैज्ञानिक कौशल और सैनिक पराक्रम का उत्सव थी.
प्रधानमंत्री के शब्दों में,
“भारत अब प्रगति के उस पथ पर है जहाँ ‘आत्मनिर्भर भारत’ सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प बन चुका है.”