भारत और ब्रिटेन संबंधों में नया अध्याय: PM Modi और Keir Starmer की ऐतिहासिक वार्ता में बड़े समझौते

भारत–ब्रिटेन संबंधों में नया युग: पीएम मोदी और पीएम कीर स्टारमर की ऐतिहासिक बैठक में रक्षा, प्रौद्योगिकी और व्यापार पर बड़े समझौते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Keir Starmer 8–9 अक्टूबर 2025 को अपनी पहली राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे. उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया जिसमें ब्रिटिश बिजनेस और ट्रेड सचिव पीटर काइल, स्कॉटलैंड के सचिव डगलस अलेक्जेंडर, निवेश मंत्री जेसन स्टॉकवुड और 125 शीर्ष सीईओ, विश्वविद्यालयों के प्रमुख और सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल थे.

यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की जुलाई 2025 में हुई ब्रिटेन यात्रा के बाद हुई, जब दोनों देशों ने भारत–ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) और विजन 2035 डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप पर हस्ताक्षर किए थे.

आर्थिक साझेदारी और निवेश सहयोग

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दोनों प्रधानमंत्रियों ने मुंबई में भारत–ब्रिटेन सीईओ फोरम की बैठक का स्वागत किया और CETA समझौते को जल्द प्रभावी करने की उम्मीद जताई.

उन्होंने संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (JETCO) के पुनर्गठन की घोषणा की, जो दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार को नई ऊंचाई देगा.

यूके से आए व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने निर्माण, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान, और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में निवेश संभावनाओं को रेखांकित किया. नीति आयोग और City of London Corporation के बीच चल रहा “यूके–इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज (UKIIFB)” सतत विकास के साझा लक्ष्यों को मजबूती देगा.

तकनीक और नवाचार में बड़ा कदम

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  • भारत और ब्रिटेन ने टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव (TSI) के तहत कई ऐतिहासिक कदम उठाए है.
  • भारत–यूके कनेक्टिविटी एंड इनोवेशन सेंटर की स्थापना – जो 6G, गैर-स्थलीय नेटवर्क और साइबर सुरक्षा आधारित एआई नेटवर्क पर केंद्रित होगा, 24 मिलियन पाउंड के संयुक्त फंड से.
  • भारत–यूके एआई सेंटर – स्वास्थ्य, फिनटेक, जलवायु और इंजीनियरिंग बायोलॉजी में जिम्मेदार एआई विकास के लिए.
  • क्रिटिकल मिनरल्स कोलैबोरेशन गिल्ड – दोनों देशों में दुर्लभ खनिज संसाधनों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए.
  • आईआईटी धनबाद में क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी के दूसरे चरण की घोषणा.
  • भारत और ब्रिटेन ने बायोटेक्नोलॉजी, जीनोमिक्स और 3D बायोप्रिंटिंग के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
  • रक्षा और सुरक्षा साझेदारी में बड़ा विस्तार
  • दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग को नई दिशा दी.
  • भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षकों को ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा.
  • समुद्री इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन सिस्टम के विकास के लिए एक भारत–ब्रिटेन अंतर-सरकारी समझौता (IGA) अंतिम चरण में है.
  • लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) प्रणालियों की प्रारंभिक आपूर्ति पर सरकार-से-सरकार समझौता हुआ, जिससे भारत की वायु रक्षा क्षमता बढ़ेगी.
  • दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग को मजबूत करेंगे और कॉनकण नौसैनिक अभ्यास को और विस्तार देंगे.

आतंकवाद और वैश्विक सुरक्षा पर साझा रुख

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भारत और ब्रिटेन ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की और “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर ज़ोर दिया. दोनों देशों ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई का आह्वान किया.

जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग

दोनों देशों ने भारत–यूके क्लाइमेट फाइनेंस इनिशिएटिव और क्लाइमेट टेक स्टार्टअप फंड की घोषणा की, जिसमें ब्रिटिश सरकार और भारतीय स्टेट बैंक की साझेदारी होगी. साथ ही, ऑफशोर विंड टास्कफोर्स और ग्लोबल क्लीन एनर्जी एलायंस (GCPA) के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की सहमति बनी.

शिक्षा, संस्कृति और युवाओं का सहयोग

भारत में अब ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालय अपने कैंपस खोल रहे हैं — साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने गुरुग्राम में पहला बैच शुरू किया है, जबकि लिवरपूल, यॉर्क, ब्रिस्टल, एबरडीन और बेलफास्ट के विश्वविद्यालयों को भी मंजूरी मिल चुकी है.

दोनों पक्षों ने प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी (MMP) को आगे बढ़ाने और सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम को लागू करने पर भी सहमति जताई.

वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण

भारत और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के समर्थन की पुष्टि की. ब्रिटेन ने फिर से भारत की यूएनएससी स्थायी सदस्यता की आकांक्षा का समर्थन किया. दोनों देशों ने यूक्रेन संकट, मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया, और गाजा में युद्धविराम के लिए राजनयिक समाधान पर जोर दिया.

यह यात्रा भारत–ब्रिटेन के बीच एक “साझा लोकतांत्रिक दृष्टि और तकनीकी भविष्य” की ओर निर्णायक कदम साबित हुई.

प्रधानमंत्री स्टारमर ने भारतीय नेतृत्व के गर्मजोशीपूर्ण स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा कि दोनों देश मिलकर 21वीं सदी की नई साझेदारी का अध्याय लिख रहे हैं.

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