ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि INDIA अपनी घरेलू ताकत से दुश्मनों को हराने में सक्षमःराजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 अगस्त, 2025 को मध्य प्रदेश के उमरिया में एक ग्रीनफील्ड रेल निर्माण सुविधा, बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग (ब्रह्मा) की आधारशिला रखते हुए कहा, ” ऑपरेशन सिंदूर इस बात का प्रमाण है कि भारत अपनी घरेलू ताकत से दुश्मनों को परास्त करने में सक्षम है.”
उन्होंने इस ऑपरेशन को पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में निर्दोष नागरिकों पर हुए जघन्य और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का करारा जवाब बताया और इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अब अपनी अखंडता और संप्रभुता पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने आगे कहा, “हम किसी को उकसाते नहीं हैं, लेकिन जो हमें उकसाते हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.”
ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का प्रतीक बताते हुए रक्षा मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों ने स्वदेशी उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया, जिसने इस ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, “भारत इस मुकाम तक केवल इसलिए पहुँच पाया क्योंकि उसने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया था.”

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारत न केवल अपनी धरती पर उपकरण बना रहा है, बल्कि मित्र देशों की सुरक्षा ज़रूरतों को भी पूरा कर रहा है. उन्होंने कहा, “हमारा रक्षा उत्पादन और निर्यात अभूतपूर्व गति से बढ़ रहा है और रिकॉर्ड आँकड़े छू चुका है. यह नए भारत का नया रक्षा क्षेत्र है.”
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक रक्षा उत्पादन बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया और रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया.
रक्षा मंत्री ने पिछले दशक में देश में हुए आर्थिक विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था लगभग 6.5% की दर से बढ़ रही है और देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है.
जानते हैं BEML रेल हब के बारे में
ब्रह्मा सुविधा को रोलिंग स्टॉक के लिए एक विश्व स्तरीय विनिर्माण इकाई के रूप में 148 एकड़ में विकसित किया जाएगा और इसके लगभग दो वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है. बीईएमएल ने एकीकृत विनिर्माण इकाई को पूरी तरह से स्थापित करने के लिए अगले कुछ वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 1,800 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है. शुरुआत में प्रति वर्ष 125-200 कोच का उत्पादन करते हुए, इसकी क्षमता पाँच वर्षों के भीतर सालाना 1,100 कोच तक बढ़ जाएगी. यह इकाई घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए वंदे भारत ट्रेनसेट, मेट्रो कार, इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट, हाई-स्पीड रेल कोच और अन्य उन्नत रोलिंग स्टॉक का निर्माण करेगी. इससे 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने, स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को उत्प्रेरित करने और मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र विशेष रूप से सिंगरौली, सतना, रीवा और कटनी में एमएसएमई को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है.
भारत के हरित विनिर्माण लक्ष्यों के अनुरूप, इस सुविधा में शून्य द्रव उत्सर्जन प्रणालियाँ, सौर और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, वर्षा जल संचयन और हरित भूदृश्यीकरण शामिल होंगे. पुनर्नवीनीकृत और टिकाऊ निर्माण सामग्री के उपयोग से उच्चतम पर्यावरणीय और सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होगा, जिसमें वैधानिक पर्यावरणीय मंज़ूरियाँ और हरित कारखाना मानदंड शामिल हैं.
राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास दोनों के लिए आवश्यक औद्योगिक और तकनीकी आधार के निर्माण में ब्रह्मा जैसी पहलों को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने में बीईएमएल की भूमिका की सराहना की और कहा कि ब्रह्मा परियोजना गतिशीलता समाधानों के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में डीपीएसयू की स्थिति को मजबूत करेगी.
इस समारोह में कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान; रेलवे, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (वर्चुअली); मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव; सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार; बीईएमएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री शांतनु रॉय; और अन्य वरिष्ठ राज्य एवं केंद्रीय अधिकारी भी उपस्थित थे.