AK-203 से लैस उड़ने वाला ड्रोन! दुश्मन पर बरसेगी गोलियां, सेना को मिला नया ‘Game Changer’

AK-203 से लैस उड़ने वाला ड्रोन! दुश्मन पर बरसेगी गोलियां, सेना को मिला नया 'Game Changer'

भारतीय सेना लगातार अपने हथियारों का आधुनिकीकरण करने में लगी हुई है. ऐसा नहीं है कि इसकी शुरुआत अभी हुई है. मोदी सरकार जब से सत्ता में आईं है, तभी से डिफेंस सेक्टर में भारतीय कंपनियों को बढ़ावा देना शुरु किया. 

उसी का परिणाम है कि भारत का डिफेंस सेक्टर 2014 के मुकाबले 2025 में काफी आगे बढ़ चुकी है. भारतीय कंपनियां अब देश ही नहीं विदेशों में भी हथियारों की सप्लाई कर रही है. 

एक वक्त था जब भारत में डिफेंस सेक्टर में कुछ ही कंपनियां शामिल थी. लेकिन आज दर्जनों कंपनियां डिफेंस सेक्टर में मौजूद है और भारत को मजबूत कर रही है. यह कंपनियां न सिर्फ बड़े शहरों में बल्कि छोटे शहरों में भी मौजूद है. ये कंपनियां तोप, टैंक, मिसाइल, गोला-बारुद, खतरनाक ड्रोन और न जाने कितने ही तरह की हथियार बना रही है.

भारत को दो तरफा खतरा है चीन और पाकिस्तान से .. ऐसे में भारत ने देर से ही सही लेकिन अपने डिफेंस सेक्टर को मजबूत करना शुरु कर दिया है. इसी का परिणाम अब सामने आने लगा है.भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों से हैं खतरा

भारत सप्लाई एंड सपोर्ट (बीएसएस) एलायंस ने एक ऐसा ड्रोन सिस्टम विकसित किया है, जो AK-203 असॉल्ट राइफल से लैस है और आसमान में उड़कर खुद ब खुद फायर करता है. यह ड्रोन एआई टेक्नेलॉजी से लैस है.

यह ड्रोन कश्मीर जैसे जगहों पर जहां आतंकी पहाड़ों की आड़ लेकर दुर्गम जगहों पर छुपे रहते है. ऐसे में यह ड्रोन हवा में उड़कर उनका सफाया कर देगा. सेना को आतंकियों को खत्म करने के लिए दुर्गम पहाड़ों से नीचे उतरने की कोई जरुरत नहीं होगी. इससे आतंकियों का सफाया तो होगा ही साथ ही साथ सेना के लिए जान-माल का खतरा भी कम होगा. यह ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए दुश्मन पर सटीक हमला कर सकता है.

यह सिस्टम भविष्य की ड्रोन वॉरफेयर को पूरी तरह बदल सकता है. अब भारतीय सेना इस ड्रोन को बॉर्डर पर पहली पंक्ति में शामिल कर दुश्मनों का खात्मा कर सकती है.

जानते है इसकी खासियत

यह ड्रोन अपने साथ AK-203 असॉल्ट राइफल लेकर उड़ सकती है. साथ ही यह राइफल 600 राउंड प्रति मिनट की स्पीड से फायर कर सकती है. यह ड्रोन 3-5 किलो तक का हथियार व गोला-बारूद ले जाने में भी सक्षम है. साथ ही, इसमें एडवांस टारगेटिंग सिस्टम और नाइट-विजन कैमरे भी लगे हैं. 

कहा जा रहा है कि इस ड्रोन की रेंज 25 किलोमीटर है और 1 घंटा तक यह ड्रोन लगातार उड़ान भर सकता है. इस ड्रोन से युद्धक्षेत्र में सटीकता, स्पीड और मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा. आने वाले समय में इसमें और भी खतरनाक सिस्टम जोड़े जाने की संभावना है.

मेक इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए यह फ्लाइंग असॉल्ट राइफल ड्रोन सिस्टम आने वाले समय में भारतीय सेना की ताकत को नए आयाम देगा और ड्रोन वॉरफेयर की परिभाषा को बदल कर रख देगा. यह अपने तरह का दुनिया का चुनिंद वेपन है. भारतीय सशस्त्र बलों और इंडियन एयरफोर्स के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ बताया जा रहा है. इसे भारतीय डिफेंस सेक्टर के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. उम्मीद करते है कि आने वाले समय भारतीय सेना के लिए बेहद मददगार साबित होगा.

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