चीन का नया ‘ब्लैकआउट मिसाइल’! बिना धमाके के दुश्मन को अंधेरे में डुबो देगा! India के लिए बनेगा खतरा!

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युद्ध अब सिर्फ गोलियों और बमों तक सीमित नहीं रहा… अब जंग उस जगह भी लड़ी जाएगी — जहाँ आप सोच भी नहीं सकते. अब मिसाइलें सिर्फ जान ही नहीं लेंगी — अब वो रोशनी भी छीनेंगी.

यहीं वजह है कि सभी देश अपने आप को तैयार करने में लगे हुए है. एक से बढ़कर एक खतरनाक हथियारों का टेस्ट हो रहा है. तकनीकी रुप से सक्षम देश अपने हथियारों के जखीरे में खतरनाक हथियारों को बढ़ा रहे है.

ऐसे में चीन खुद को किसी भी देश से पीछे नहीं रहने देना चाहता है. इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए चीन ने एक ऐसा उन्नत हथियार विकसित किया है, जो दुश्मन के बिजली नेटवर्क को युद्ध के समय बर्बाद कर उसे पंगु बना सकता है.

चीन का यह हथियार बिना खून बहाए दुश्मनों को घुटनों पर ला सकता है. यह कोई आम मिसाइल नहीं है, ये एक ब्लैकआउट मिसाइल है! जिसे जमीन से दागा जाता है और ये 90 छोटे-छोटे सबम्यूनिशन गिराता है. ये छोटे कनस्तर ज़मीन पर गिरने के बाद उछलते हैं और फिर उनमें विस्फोट होता है.

इनके अंदर हाई वोल्टेज बिजली के Basic Infrastructure को शॉर्ट सर्किट करने के लिए Chemically treated कार्बन फिलामेंट होते हैं, जो विस्फोट के साथ ही बिखर जाते हैं. जो दुश्मन के ट्रांसफॉर्मर, पावर ग्रिड और सबस्टेशन में शॉर्ट सर्किट कर देते हैं.  

10,000 square meter से ज्यादा क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति को बर्बाद कर सकता है यह बम

चीनी सरकारी मीडिया सीसीटीवी चैनल के अनुसार, यह हथियार 10,000 square meter से ज्यादा क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति को बर्बाद कर पूरी तरह ब्लैकआउट कर सकता है, जो दुश्मन की command और control system को बाधित करने के लिए प्रभावी है.

सीसीटीवी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसका एक एनिमेटेड वीडियो साझा किया गया है. जिसमें दिखाया गया है कि हथियार को ज़मीन पर तैनात एक वाहन से लॉन्च किया जा रहा है. 

इसकी रेंज 290 किलोमीटर और वारहेड 490 किलोग्राम वजन का है. 

चीनी सरकारी टीवी ने इस हथियार के नाम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन इसे ‘घरेलू रूप से निर्मित एक रहस्यमयी मिसाइल’ कहा है. इसका काम करने का तरीका ‘ग्रेफाइट बम’ की तरह है. ऐसा माना जाता है कि चीन के पास पहले से ही ग्रेफाइट बम मौजूद है.

ग्रेफाइट बम का कांसेप्ट नया नहीं है. 1991 में अमेरिका ने ग्रेफाइट बम से ईराक की 85% बिजली सप्लाई काट दी थी. चीन ने अब उसी तकनीक को और घातक बना दिया है.

चीन तरह-तरह के हथियार बनाने में लगा हुआ है. इन अत्याधुनिक हथियारों के जरिए वह अपने विरोधियों को साफ संदेश देना चाहता है कि चीन को हल्के में लेना उनकी भूल होगी.

क्या भारत को भी ऐसे हथियारों पर काम करना चाहिए?

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