GBU-57 बम से ईरान के न्यूक्लियर बंकर उड़ाए गए!

ईरान के परमाणु संयत्रों पर हमला करने के लिए अमेरिका और इजरायल ने जिस बम का इस्तेमाल किया है उसका नाम है- GBU-57
कहा जा रहा था कि ईरान का परमाणु संयत्र पहाड़ के काफी नीचे बनाया गया है, जिसे भेदना आसान नहीं था. लेकिन GBU-57 की यही खासियत है, जब कोई काम न आए तब आता है GBU-57
जानते हैं GBU-57 की खासियत
GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को बोइंग ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण अमेरिकी वायुसेना ने किया है. इसे अमेरिकी वायुसेना के पास सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम कहा जाता है. बम के डिजाइन पर काम 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ. इस बम का बाहरी हिस्सा काफी मजबूत होता है, जिससे यह बंकर के अंदर काफी गहराई तक धंसने के बाद भी सुरक्षित रहता है. इस बम में डिले फ्यूजिंग सिस्टम लगा होता है, जो बम को गहराई तक समाने के बाद धमाके की प्रक्रिया को शुरू करता है.
GBU-57 MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर) एक 30 हजार पाउंड (13,600 किलोग्राम) श्रेणी का सटीक-निर्देशित ‘बंकर बस्टर’ बम है, जिसे अमेरिका ने बनाया है. इसका निर्माण बंकरों और जमीन की गहराई में बने दुश्मन के ठिकानों को भेदने के लिए किया गया है. यह बम इतना शक्तिशाली है कि यह 200 फीट मिट्टी या 60 फीट कंक्रीट को भेद सकता है.
इसका वजन लगभग 13,600 किलोग्राम (30,000 पाउंड) होता है, जबकि इसकी लंबाई 20.5 फीट (लगभग 6.25 मीटर) है. इसका व्यास 31.5 इंच है. इसमें 5,300 पाउंड (2,400 किलोग्राम) विस्फोटक सामग्री भरा होता है. इसका वारहेड, AFX-757 और PBXN-114 विस्फोटकों का मिश्रण है.
यह GPS-आधारित होती है, जिस वजह से अपने लक्ष्य पर बिल्कुल सटीक हमला करने में सक्षम है. GBU-57 केवल B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ही इस बम को ले जा सकता है, क्योंकि यह बहुत भारी और बड़ा है. एक B-2 दो GBU-57 बम ले जा सकता है.
यह बम इतना खतरनाक है कि इसे “पहाड़ तोड़ने वाला बम” भी कहा जाता है. इसका मुख्य उन ठिकानों को नष्ट करना है, जो सामान्य बमों या मिसाइलों की पहुंच से बाहर हों.
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