भारतीय सेना ने Nagastra-1R को दी मंजूरी, दुश्मन पर आसमानी प्रहार तय!

Nagastra-1

भारतीय सेना ने सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड को लगभग 450  नागास्त्र-1 आर लोइटरिंग म्यूनिशन (Nagastra-1R loitering munitions) खरीदने का ऑर्डर दिया है. Loitering Munition Weapons को सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है.

जानते हैं इस Nagastra-1 की खासियत

Nagastra-1 को नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) और बैंगलोर की जेड-मोशन के सहयोग से डिजाइन और विकसित किया गया है. ‘नागास्त्र-1’ सैनिकों की जान खतरे में डाले बिना आसानी से दुश्मन के ट्रेनिंग कैंप या लॉन्च पैड पर हमला कर तबाह कर सकता है. नागास्त्र एक सुसाइड ड्रोन है. इसकी खास बात यह है कि जैसे ही इसे अपना टारगेट मिलता है, ये अपने टारगेट से टकराकर उसे समाप्त कर देता है. Nagastra-1 में खास जीपीएस सिस्टम है, जिसके जरिये यह टारगेट को ढूंढता और फिर उससे टकराकर टारगेट को नष्ट कर देता है.

Nagastra-1 करीब 9 किलो वजनी है. यह ड्रोन 4500 मीटर ऊपर उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है. इसमें खास इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम लगा है, जिससे इसकी आवाज का पता नहीं चलता है. 200 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर इसकी आवाज का पता लगाना लगभग असंभव है.

अपने टारगेट के ऊपर 60 मिनट तक मंडरा सकता है Nagastra-1

‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) ऑटो मोड में अधिकतम 30 किलोमीटर की स्पीड तय कर सकता है. जब इसे रिमोट से ऑपरेट किया जाता है तो स्पीड 15 किलोमीटर हो जाती है. यह अपने टारगेट के ऊपर 60 मिनट तक मंडरा सकता है. 45 KM जीपीएस टारगेट रेंज है. इसमें एक kg वजन का वॉरहेड लोड किया जा सकता है. इसके विस्फोट से 20 मीटर का इलाका खत्म हो सकता है. इसमें रीयल टाइम वीडियो बनता है.

‘नागास्त्र-1’ (Nagastra-1) की एक और खास बात यह है कि इसमें नाइट विजन कैमरे भी लगे हैं. इसके जरिये 24 घंटे दुश्मनों पर निगाह भी रखी जा सकती है. इसके अलावा इन ड्रोन्स की खासियत है कि इनका टारगेट मिड-फ्लाइट के दौरान भी बदला जा सकता है. अगर मिशन अबॉर्ट करना पड़े तो नागास्त्र पैराशूट के सहारे सॉफ्ट लैंडिंग में भी सक्षम है. इसमें एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन, कम्युनिकेशन कंट्रोल, पेलोड और न्यूमेटिक लॉन्चर भी शामिल है. ‘नागास्त्र-1’ को बनाने वाली कंपनी के मुताबिक इसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है. 

इन्हीं खासियत की वजह से नागास्त्र –1 भारतीय सेना के लिए काफी अहम है. भारतीय सेना को पहले ही 480 नागास्त्र –1 कामिकेज़ ड्रोन मिल चुका है. अब एक बार फिर भारतीय सेना ने सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड को लगभग 450 नागास्त्र-1 आर लोइटरिंग म्यूनिशन (Nagastra-1R loitering munitions) खरीदने का ऑर्डर दिया है. इससे भारतीय सेना की ताकत में और ईजाफा होगा. जबकि दुश्मनों के लिए यह काल साबित होगा.

क्या भारत का सुसाइड ड्रोन युद्ध का गेमचेंजर बन सकता है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *