DRDO और INDIAN ARMY ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली MISSILE का किया सफल परीक्षण

DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) तथा भारतीय सेना ने ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) के सैन्य संस्करण के चार सफल उड़ान परीक्षण किए. मीडियम-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल के चार ऑपरेशनल फ्लाइट ट्रायल उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों के खिलाफ किए गए. इस दौरान मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को रोका और उन्हें नष्ट कर दिया, जिससे उन पर सीधा हमला अचूक सिद्ध हुआ. परीक्षणों को लंबी दूरी, छोटी दूरी, उच्च ऊंचाई और निम्न ऊंचाई पर चार लक्ष्यों को इंटरसेप्ट करने के लिए किया गया, जिससे ऑपरेशनल क्षमता पुख्ता साबित हुई.
ये उड़ान परीक्षण हथियार प्रणाली को चालू हालत में रखकर किए गए थे. हथियार प्रणाली की प्रदर्शन क्षमता को रेंज उपकरणों जैसे रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा के माध्यम से सत्यापित किया गया, जिन्हें चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा तैनात किया गया था. सभी उड़ान परीक्षणों के दौरान DRDO और INDIAN ARMY के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

ये परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) के मार्गदर्शन में भारतीय सेना की पूर्वी और दक्षिणी कमान द्वारा किये गए. इन परीक्षणों ने दोनों सेना कमानों की परिचालन क्षमता को सिद्ध कर दिया है और साथ ही दो रेजिमेंटों में हथियार प्रणालियों के परिचालन का मार्ग प्रशस्त किया है.
मीडियम-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल को भारतीय सेना के उपयोग के लिए DRDO और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. सेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली में बहु-आयामी रडार, कमांड पोस्ट, मोबाइल लांचर प्रणाली और अन्य वाहन शामिल हैं.
राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योगों को दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योगों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि चार सफल परीक्षणों ने हथियार प्रणाली की क्षमता को महत्वपूर्ण दूरी पर लक्ष्यों को इंटरसेप्ट करने में फिर से स्पष्ट किया है.
रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने सफल उड़ान परीक्षण में शामिल दलों की सराहना की। उन्होंने इस सफलता को भारतीय सेना की परिचालन क्षमता विस्तार के लिए प्रमुख मील का पत्थर बताया है.
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