मिलिट्री ड्रोन के मामलें में किस नंबर पर हैं भारत; जानिए, दुनिया टॉप-10 मिलिट्री सैन्य ड्रोन वाले देश

मिलिट्री ड्रोन ने वर्तमान समय में युद्धों की दिशा ही बदलकर रख दी है. ड्रोन की ताकत का पहला नमूना पूरी दुनिया ने नागोर्नो-काराबाख युद्ध के दौरान देखा था, जब तुर्की और ईरान के ड्रोन ने तबाही मचा दी थी. तब से लेकर अब तक ड्रोन हर युद्ध और सैन्य झड़पों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. ऐसे में प्रत्येक देश अपनी सेना में ज्यादा से ज्यादा ड्रोन रखना चाहते है. जिससे युद्ध के दौरान दुश्मनों पर बढ़त हासिल हो सके. ऐसे में आज हम जानते है कि किस देश के पास कितनी मिलिट्री ड्रोन है. इस मामले में दुनिया के शीर्ष 10 देश कौन से हैं.
अमेरिका
अमेरिका के पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिलिट्री ड्रोन बेड़ा है. अमेरिका के पास 13000 से ज्यादा मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) हैं. अमेरिका के सैन्य ड्रोन बेड़े में 60% से ज़्यादा एयरोविरोनमेंट RQ-11 रेवेन्स हैं जिनका इस्तेमाल मुख्य रूप से हवाई निगरानी और लक्ष्य प्राप्ति के लिए किया जाता है. अमेरिकी वायु सेना 275 MQ-9 रीपर ड्रोन और 134 MQ-1C ग्रे ईगल ड्रोन संचालित करती है, साथ ही नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन द्वारा विकसित 36 RQ-4 ग्लोबल हॉक ड्रोन भी हैं.
तुर्की
द पावर एटलस के अनुसार तुर्की के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य ड्रोन बेड़ा है. तुर्की ड्रोन तकनीक में अग्रणी देशों में से एक है. यह मध्यम-ऊंचाई और लंबे समय तक चलने वाले यूएवी बायरकटर टीबी2 का जन्मदाता देश भी है जो सबसे प्रभावी सैन्य ड्रोन में से एक है. न केवल तुर्की बल्कि अज़रबैजान, कतर और यूक्रेन जैसे देश भी बायरकटर टीबी2 का उपयोग करते हैं. तुर्की ड्रोन इंडस्ट्री में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है. कहा जाता है कि ड्रोन इंडस्ट्री के 60 फीसदी व्यापार पर तुर्की का कब्जा है. तुर्की के पास 1421 मिलिट्री ड्रोन है.
पोलैंड
दुनिया में सबसे ज्यादा सैन्य ड्रोन रखने वाले देशों की सूची में पोलैंड तीसरे स्थान पर है, जिसके बेड़े में WB समूह द्वारा विकसित एक हज़ार से ज्यादा वार्मेट लोइटरिंग म्यूनिशन यूएवी शामिल हैं. ये हल्के ड्रोन हैं जिनका उपयोग पोलिश सशस्त्र बल विभिन्न सुरक्षा मिशनों के लिए करते हैं. इसके अलावा, पोलैंड के पास 40 ऑर्लिक पीजीज़ेड-19आर और 45 ऑर्बिटर मानव रहित हवाई वाहन हैं. पोलैंड के पास 1209 मिलिट्री ड्रोन है.
रूस
रूस के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ड्रोन बेड़ा है. घरेलू स्तर पर निर्मित ड्रोन बेड़े में से एक ऑरलान-10 का उपयोग मुख्य रूप से टोही मिशनों के लिए किया जाता है. रूस के पास 2013 में इज़रायल से खरीदे गए 30 से ज़्यादा सर्चर एमके II ड्रोन हैं. यूक्रेन के साथ संघर्ष के जवाब में, रूस अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए लंबी दूरी के हमलावर ड्रोन के विकास में तेजी ला रहा है. रूस लगातार ईरान से और उत्तर कोरिया से भी ड्रोन मंगा रहा है. जिसका उपयोग यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर रहा है. रूस के पास 1050 से ज्यादा मिलिट्री ड्रोन है.
जर्मनी
जर्मनी यूरोप के सबसे शक्तिशाली देशों में शुमार है. उसके पास 670 सैन्य ड्रोन का बेड़ा है, जिनका उपयोग निगरानी, टोही, खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है.
भारत
भारत 2019 में पेश किए गए 600 स्पाईलाइट मॉडल सहित लगभग 625 सैन्य ड्रोन के साथ छठे स्थान पर है. भारत ने इजरायल से 10 हेरॉन 1 ड्रोन भी हासिल किए हैं. सभी मौजूदा ड्रोन इज़रायली मूल के हैं, जो वैश्विक स्तर पर सैन्य यूएवी के अग्रणी ऑपरेटरों में से एक के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है. भारत अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने जा रहा है. दोनों देशों के बीच 31 प्रीडेटर ड्रोन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हो चुका है. इससे तीनों सेनाओं की निगरानी क्षमता और भी बढ़ जाएगी. भारत इस डील पर 32 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रहा है. भारतीय नौसेना को 15 ड्रोन मिलने की संभावना है, जो ‘सी गार्जियन‘ होंगे, जबकि सेना और वायु सेना को आठ-आठ ‘स्काई गार्जियन‘ प्रीडेटर ड्रोन मिल सकते हैं.
फ्रांस
फ्रांस के पास लगभग 591 सैन्य ड्रोन का बेड़ा है. यह फ्रांस को दुनिया में सबसे अधिक सैन्य ड्रोन वाले देशों की सूची में रखता है. इसमें थेल्स के स्पाई’रेंजर यूएवी, सेजम के 11 सफ़रान पैट्रोलर ड्रोन और अमेरिका से खरीदे गए 12 एमक्यू-9 रीपर शामिल हैं. फ्रांस के एसडीएएम कार्यक्रम फ्रांसीसी नौसेना के युद्धपोतों पर उपयोग के लिए मानव रहित रोटोक्राफ्ट के विकास पर काम कर रहा है.
ऑस्ट्रेलिया
पावर एटलस और द ड्रोन डेटाबुक के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई सैन्य ड्रोन की कुल संख्या लगभग 557 है. इसमें पीडी-100 ब्लैक हॉर्नेट 350 फैंटम ड्रोन शामिल हैं जो निगरानी जैसे सामरिक सैन्य उद्देश्यों के लिए सशस्त्र हैं. रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फ़ोर्स जनरल एटॉमिक्स के 12 से 16 MQ-9 रीपर यूएवी का संचालन करती है, जबकि नौसेना छह MQ-4C ट्राइटन ड्रोन का उपयोग करती है.
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया के पास लगभग 518 सैन्य ड्रोन तैनात हैं जिनका उपयोग मुख्य रूप से निगरानी, खुफिया मिशन आदि के लिए किया जाता है. दक्षिण कोरिया के अधिकांश बेड़े का निर्माण घरेलू स्तर पर किया जाता है, लेकिन नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन कॉरपोरेशन द्वारा निर्मित अमेरिका के चार RQ-4 ग्लोबल हॉक यूएवी सहित विदेशी मॉडल भी खरीदे गए हैं.
फ़िनलैंड
फिनलैंड के पास 412 सैन्य ड्रोन का बेड़ा है, जिसमें से ज्यादातर इज़रायल के एयरोनॉटिक्स डिफेंस सिस्टम द्वारा निर्मित ऑर्बिटर 2-बी मॉडल हैं. फ़िनलैंड के हल्के मानव रहित हवाई वाहन फ़िनलैंड की सभी आठ ब्रिगेड स्तरीय इकाइयों में तैनात सैन्य और सुरक्षा उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं. इतना ही नहीं, फ़िनलैंड RANGER DRONE ड्रोन का भी संचालन करता है, जो स्विटज़रलैंड और इज़राइल RUAG एविएशन और एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जो उनकी हवाई क्षमताओं को बढ़ाता है.
चीन की सेना ने 10 लाख कामिकाज़े ड्रोन का दिया ऑर्डर
इस तरह हम देखते है कि सैन्य ड्रोन के मामले में भारत भी दुनिया के टॉप-10 देश में शामिल है. हालांकि चीन के बारे में कुछ कहना मुश्किल है, क्योंकि चीन इस तरह की अधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं करता है. हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सेना ने 10 लाख कामीकाजी ड्रोन का ऑर्डर दिया है.
ये आत्मघाती विस्फोटक ड्रोन किसी भी युद्ध का नक्शा बदलने की ताकत रखते हैं. चीनी सेना को इन ड्रोन की सप्लाई साल 2026 तक हो जाएगी. चीनी सेना के इस महाआर्डर की दुनियाभर में चर्चा हो रही है. ऐसे में भारत को कुछ ज्यादा ही सतर्क रहना होगा. चीन ने दस लाख ड्रोन बनाने के ऑर्डर दिए है.. हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन फिर भी भारत को ज्यादा ही सकर्त रहना होगा.