Indian Navy ने विशाखापत्तनम में ‘Trinetra’ Static Firing Facility शुरू की, आत्मनिर्भर रक्षा की दिशा में बड़ा कदम

Indian Navy ने अपनी परीक्षण क्षमता को नया आयाम देते हुए Eastern Naval Command (ENC) क्षेत्र में एक अत्याधुनिक Static Firing Facility का उद्घाटन किया है, जिसका नाम रखा गया है ‘Trinetra’ (त्रिनेत्र). यह नई सुविधा मिसाइलों, रॉकेटों और अन्य हथियार प्रणालियों के प्रदर्शन मूल्यांकन (performance evaluation) और परीक्षण के लिए बनाई गई है.
इसका उद्घाटन Vice Admiral राजेश पेंढारकर, Flag Officer Commanding-in-Chief, Eastern Naval Command ने विशाखापत्तनम में किया.
Trinetra क्या है?

‘Trinetra’ एक उन्नत परीक्षण अवसंरचना (Advanced Testing Infrastructure) है, जिसे भारतीय नौसेना और स्वदेशी रक्षा उद्योग के सहयोग से तैयार किया गया है. यह सुविधा हथियार प्रणालियों की स्थिर फायरिंग (Static Firing) के दौरान उत्पन्न दबाव, तापमान, थ्रस्ट, और विश्वसनीयता जैसे मापदंडों को रिकॉर्ड और विश्लेषित कर सकती है.
इस सुविधा के जरिए नौसेना अब किसी भी नई प्रणाली को स्वदेशी स्तर पर परख सकेगी, जिससे उसे विदेशी परीक्षण केंद्रों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
क्यों अहम है ‘Trinetra’?
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम:
- यह सुविधा ‘Make in India’ और ‘Aatmanirbhar Bharat’ मिशन के अनुरूप है, जिससे भारतीय नौसेना को परीक्षण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता मिलेगी.
टेक्नोलॉजी और डेटा नियंत्रण:
- अब सभी परीक्षण डेटा देश में ही रहेंगे, जिससे साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को भी मजबूती मिलेगी.
समय और लागत में बचत:
- विदेशी परीक्षणों की तुलना में स्वदेशी परीक्षण तेज़ और सस्ता होगा.
भविष्य की परियोजनाओं के लिए उपयोगी:
आने वाले वर्षों में विकसित होने वाली मिसाइल, टॉरपीडो और रॉकेट प्रणालियाँ ‘Trinetra’ में टेस्ट की जा सकेंगी.
रणनीतिक प्रभाव

‘Trinetra’ के शुरू होने से नौसेना की सटीक मारक क्षमता (Precision Strike Capability) और टेक्निकल वैलिडेशन में बड़ा सुधार होगा। यह सुविधा भारत को समुद्री रक्षा अनुसंधान और विकास में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है.
भारतीय नौसेना ने कहा कि ‘Trinetra’ का उद्देश्य है —
“हमारे हथियार प्रणालियों के प्रदर्शन को स्वदेशी रूप से परीक्षण करने की क्षमता प्राप्त करना और विदेशी परीक्षण तंत्रों पर निर्भरता को समाप्त करना”
‘Trinetra’ Static Firing Facility न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि यह भारत की बढ़ती रक्षा निर्माण क्षमता (Defence Industrial Capability) का भी प्रमाण है. आने वाले वर्षों में यह सुविधा भारत की नौसैनिक शक्ति को और अधिक सटीक, तेज़ और स्वदेशी बनाएगी.