भारत का रक्षा उत्पादन 1.50 लाख करोड़ पार! ऐतिहासिक रिकॉर्ड

रक्षा उत्पादन में 90% की ग्रोथ, 2019 से अब तक का सबसे बड़ा उछाल

वित्त वर्ष 2024-25 भारत के रक्षा इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है!  देश का वार्षिक रक्षा उत्पादन 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुका है… और ये सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते औद्योगिक और सैन्य सामर्थ्य का सशक्त सबूत है.

यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन की तुलना में 18% की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाती है. यह वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से अब तक 90% की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी को भी प्रदर्शित करती है, उस समय यह आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपये था. ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को हासिल करने में रक्षा उत्पादन विभाग और सभी हितधारकों यानी कि रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माताओं और निजी उद्योग के सामूहिक प्रयासों की सराहना की है. उन्होंने इस सफलता को भारत के सशक्त होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेत बताया है.

निजी क्षेत्र ने इसमें 23% की भागीदारी

रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) और अन्य पीएसयू का कुल उत्पादन में लगभग 77% योगदान रहा है, जबकि निजी क्षेत्र ने इसमें 23% की भागीदारी की है. भारत में रक्षा निवेश के लिए निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024-25 में 23% हो गई है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 21% बढ़त को प्रदर्शित करती है. यह वृद्धि देश के डिफेन्स इकोसिस्टम में इस क्षेत्र की बढ़ती हुई भूमिका को उजागर करती है.

वर्ष 2024-25 में डीपीएसयू और निजी क्षेत्र का समग्र उत्पादन क्रमशः 16% तथा 28% बढ़ा

रक्षा उद्योग जगत के कारोबार में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने वर्ष-दर-वर्ष लगातार वृद्धि प्रदर्शित की है, जिसका श्रेय दूरगामी नीतिगत सुधारों, व्यापार करने की सुगमता में तेजी और पिछले दशक में स्वदेशीकरण पर रणनीतिक ध्यान दिए जाने को जाता है. वित्त वर्ष 2024-25 में डीपीएसयू और निजी क्षेत्र का समग्र उत्पादन क्रमशः 16% तथा 28% बढ़ा है.

यह रिकॉर्ड स्थापित करने वाली उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार के बढ़ते प्रयासों का महत्व बताती है. आयात पर निर्भरता कम करने और एक रक्षा औद्योगिक परिसर बनाने पर जोर देने से न केवल भारत की आवश्यकताओं की पूर्ति हो रही है, बल्कि इससे देश की निर्यात क्षमता भी बढ़ रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.

दोस्तो, ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा निर्यात बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. यह वित्त वर्ष 2023-24 के 21,083 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात आंकड़ों की तुलना में 2,539 करोड़ रुपये अर्थात 12.04% का उछाल है. मतलब साफ है कि भारत ने सिर्फ घरेलू उत्पादन ही नहीं, भारत के रक्षा निर्यात में भी धमाका किया है!

ये सब मुमकिन हुआ है आत्मनिर्भर भारत पहल, नीतिगत सुधारों और आयात पर निर्भरता घटाने के संकल्प से…

अब भारत सिर्फ अपनी सुरक्षा ज़रूरतें पूरी नहीं कर रहा, बल्कि दुनिया के कई देशों को हथियार निर्यात कर रहा है.

दोस्तों, ये तो बस शुरुआत है… आने वाले सालों में भारत का रक्षा उत्पादन और भी ऊंचाइयों को छुएगा… और शायद वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया के टॉप 3 डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग हब में होगा!

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