अपाचे AH-64E की पहली खेप भारत पहुंची, अब थलसेना भी हवा से बरपाएगी कहर!

Indian Army Gets Apache AH-64E!

भारतीय सेना को अमेरिका से तीन अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टरों की पहली खेप मिल गई है. इन्हें अमेरिका से एंटोनोव ट्रांसपोर्ट विमान से गाजियाबाद जिले के हिंडन एयर बेस लाया गया. भारतीय सेना ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. जिसे राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया जाएगा.

ये सिर्फ हेलिकॉप्टर नहीं… ये हैं ‘हवा में उड़ते हुए टैंक शिकारी’ है.

भारत और अमेरिका के बीच 6 अपाचे गार्डियन हेलिकॉप्टर को लेकर सौदा हुआ था. जिसकी पहली खेप अभी भारत को मिला है.

ये तीन हेलिकॉप्टर भारत और अमेरिका के बीच हुए 4,168 करोड़ रुपए के सौदे का हिस्सा हैं. यह सौदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान 2020 में भारत यात्रा के दौरान हुआ था. इस सौदे के तहत, पहला बैच मई-जून 2024 में पहुंचने वाला था, लेकिन लगातार डिलीवरी में देरी होती रही.

भारतीय वायुसेना के पास पहले से 22 अपाचे हैं — जो पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात हैं. लेकिन अब थलसेना को भी यह हवाई ताकत मिलने से भारत की जमीन पर लड़ने की रणनीति पूरी तरह बदलने वाली है.

इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती भारत की सामरिक रणनीति को बदलने की क्षमता रखती है. यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय सेना अब मल्टी-डोमेन ऑपरेशनों की ओर बढ़ रही है, जहां थलसेना और वायुसेना के बीच तालमेल बेहद महत्वपूर्ण है.

जानते हैं इसकी खासियत

अपाचे हेलीकॉप्टर की सबसे बड़ी खूबी, इसका एडवांस्ड सेंसर सिस्टम है. इसमें नाइट विजन और थर्मल इमेजिंग सेंसर लगे हैं, जो रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी दुश्मन को सटीकता से पहचान सकते हैं. इसका Target Acquisition System और Pilot Night Vision Sensor (PNVS) पायलट को कम विजिबिलिटी में भी सटीक हमले की क्षमता देता है.

अपाचे में लगे हथियार इसे किसी भी युद्धभूमि में बेहद खतरनाक बनाते हैं. इसमें लगा है AGM-114 Hellfire Missile, जो टैंक और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम है. इसके अलावा इसमें Hydra 70 Rockets 70mm के अनगाइडेड रॉकेट, जो जमीनी ठिकानों को तबाह करने के लिए उपयोगी है. साथ ही इसमें हवा से हवा में मार करने वाली Stinger Missiles भी लगा हुआ है. अपाचे में Spike NLOS Missiles भी लगा है, जो 25+ किमी तक टारगेट को निशाना बना सकती हैं.

यह हेलीकॉप्टर AN/APG-78 Longbow रडार और Joint Tactical Information Distribution System (JTIDS) से लैस है, जो इसे नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर में उपयोगी बनाता है. साथ ही यह CDL और Ku Frequency Band पर डेटा ट्रांसफर करने में भी सक्षम है.

इतना ही नहीं यह हेलीकॉप्टर एक मिनट में 128 टारगेट को लॉक कर 16 अलग-अलग लक्ष्यों पर हमला कर सकता है. इसकी मल्टी-टारगेट इन्वॉल्वमेंट क्षमता इसे भीड़ वाले युद्धक्षेत्र में बेहद उपयोगी बनाती है.

अपाचे हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 280 से 365 किमी/घंटा तक होती है. इसके साथ ही यह एक बार में 3.5 घंटे तक उड़ान भर सकता है और ऑपरेशनल रेंज 500 किमी तक जाती है.

अपाचे हेलीकॉप्टर MQ-1C ग्रे ईगल जैसे ड्रोन को कंट्रोल कर सकता है, जिससे एक नया युग शुरू होता है मानव-मशीन टीमिंग (MUM-T) का. इसके सेंसर और रडार सिस्टम से यह टोही मिशनों में भी दक्ष है.

इस हेलीकॉप्टर का डिजाइन इसे मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस के लिए आदर्श बनाता है. यह ग्राउंड स्ट्राइक, एयर डिफेंस और रिकॉन मिशन में एक साथ काम कर सकता है.

इस हेलीकॉप्टर को दो पायलटों के लिए डिजाइन किया गया है, एक उड़ान संचालन के लिए और दूसरा हथियार नियंत्रण के लिए. इसका खाली वजन 6,838 किलोग्राम और अधिकतम टेक-ऑफ वजन 10,433 किग्रा है. इसे छोटे हथियारों, बुलेट्स और बैलिस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा देने के लिए भी आर्मर से लैस किया गया है.

बोइंग के मुताबिक, ये हेलीकॉप्टर मानवरहित हवाई वाहनों को नियंत्रित कर सकते हैं और इनमें शक्तिशाली टी700-जीई-701डी इंजन लगे हैं. अपाचे हेलीकॉप्टरों का उपयोग न केवल हमले के लिए, बल्कि सुरक्षा, टोही और शांति अभियानों में भी किया जा सकता है.

बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को बैलिस्टिसक मिसाइलों और छोटे हथियारों के हमलों से बचाव के लिहाज से डिजाइन किया गया है. यह खराब मौसम और रात के समय भी ऑपरेशनल है.

बोइंग ने जनवरी 1984 में पहला अमेरिकी सेना अपाचे AH-64A हेलीकॉप्टर दिया था। तब से, अमेरिकी सेना और अन्य देशों को 2,700 से ज़्यादा AH-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं. अपाचे के लिए बोइंग के वैश्विक ग्राहकों में भारत, मिस्र, ग्रीस, इंडोनेशिया, इज़राइल, जापान, कोरिया, कुवैत, नीदरलैंड, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.

दोस्तों, अपनी इसी खासियत की वजह से अपाचे AH-64E लड़ाकू हेलीकॉप्टर दुनिया की सबसे खतरनाक हेलिकॉप्टर में से एक है.

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