IRAN के बाद अब TURKI ! क्या एर्दोगन बना रहे हैं परमाणु बम?

"तुर्की बनाएगा परमाणु बम?"

IRAN और इजरायल के बीच हुआ परमाणु संकट अभी थमा भी नहीं था… और अब एक और मुस्लिम देश ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है! ये देश नाटो का सदस्य है… अमेरिका का सहयोगी है… लेकिन इजरायल का खुला विरोधी भी!

और अब खबरें आ रही हैं कि – ये देश भी परमाणु बम की दौड़ में शामिल होना चाहता है!

पिछले हफ्ते, जब इजरायल और अमेरिका ने मिलकर ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर हमला किया… तो पूरी दुनिया कांप उठी थी. फोर्दो, नतांज और इस्फहान जैसे भूमिगत प्लांट्स को B-2 बमवर्षक और GBU-27 बमों ने तबाह कर दिया.

“ट्रंप ने खुद कहा – हमने ईरान के परमाणु खतरे को खत्म कर दिया. लेकिन क्या अब एक नया खतरा खड़ा हो रहा है?

लेकिन अब सबसे बड़ सवाल यह है कि ईरान के बाद एक और मुस्लिम देश ने परमाणु बमाने की कोशिश शुरु कर दी है. और वह अमेरिका का सहयोगी और नाटो का सदस्य भी है. वो नाटो… जिसके एक सदस्य पर हमला मतलब सभी सदस्य पर हमला माना जाता है.

इजरायल को जितना खतरा ईरान से है लगभग उतना ही खतरा इस देश से भी है.

आखिर आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो कौन सा देश है जो अमेरिका का सहयोगी भी है और इजरायल को पसंद भी नहीं करता है.

तो दोस्तों, वो देश है- तुर्कीए

तुर्कीए अपने राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के नेतृत्व में खुद को मजबूत कर रहा है साथ ही मुस्लिम वर्ल्ड का खलीफा बनने का भी ख्वाब देख रहा है. इसका एक उदाहरण हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी देखा था जब उसने पाकिस्तान की मदद की थी.

अब जानते है असली माजरा क्या है.

TURKI में एक सर्वे करवाया गया है, जिसमें पता चला है कि ज्यादातर देशवासी परमाणु बम बनाने का समर्थन कर रहे हैं. सर्वे के मुताबिक, 71% तुर्क लोग परमाणु बम के समर्थन में हैं! जबकि सिर्फ 18 प्रतिशत लोगों ने ही परमाणु बम बनाने के किसी भी फैसले का विरोध किया है. जबकि 72% मानते हैं कि नाटो उन पर हमले की स्थिति में साथ नहीं देगा.

तुर्की पहले ही कर चुका है एनपीटी पर हस्ताक्षर

यह भावना सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक स्थिति से भी जुड़ी हुई है. मौजूदा समय में ट्रंप ने जिस तरह से यूरोप को अपनी सुरक्षा खुद करने के लिए कहा है, उसने भी तुर्की के लोगों में गहरा अविश्वास पैदा किया है.

सबसे बड़ी बात है कि तुर्की 1979 में ही परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर कर चुका है. जिस वजह से वो किसी भी तरह का न्यूक्लियर हथियार नहीं बना सकता है. ऐसे में इस तरह की सर्वे कराना चौंकाता जरुर है.

क्या एर्दोगन ‘जनता का विचार’ कहकर भविष्य में परमाणु बम बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.

डिफेंस सेक्टर में खुद को स्थापित कर रहा है तुर्की

तुर्की पिछले कुछ सालों से डिफेंस सेक्टर में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. इसके तहत उसने KAAN स्टील्थ फाइटर जेट, स्टील डोम एयर डिफेंस, और अपना ड्रोन साम्राज्य खड़ा कर लिया है.

हालांकि अभी कोई ओपन न्यूक्लियर वेपन प्रोग्राम नहीं है… लेकिन तुर्की में एक न्यूक्लियर पावर प्लांट तैयार हो रहा है. एर्दोगन के सपनों को देखते हुए, कोई हैरानी नहीं होगी कि वह चुपचाप परमाणु हथियारों की ओर बढ़ें.

मध्य-पूर्व में शुरू होगा एक खतरनाक चेन

अगर तुर्की परमाणु बम बनाता है, तो यह मध्य-पूर्व में एक खतरनाक चेन रिएक्शन शुरू कर सकता है. ईरान, इजरायल, सऊदी अरब – सब फिर से खुद को सुरक्षित करने की होड़ में लग जाएंगे.

“तो क्या एर्दोगन खलीफा बनने के लिए न्यूक्लियर बम बनाएंगे?

क्या तुर्की NPT का उल्लंघन करेगा?

और क्या यह पूरी दुनिया को एक और युद्ध की ओर ले जाएगा?”

इस खतरनाक सवाल का जवाब समय के साथ सामने आएगा… लेकिन शुरुआत हो चुकी है.

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