UK ने भारत को मिसाइल सप्लाई के लिए £350 मिलियन का सौदा किया
UK और भारत ने रक्षा सहयोग को नई दिशा देते हुए £350 मिलियन (लगभग ₹3,700 करोड़) का बड़ा मिसाइल सौदा किया है. इस अनुबंध के तहत ब्रिटिश कंपनी Thales भारत को अपनी अत्याधुनिक हल्की मल्टी-रोल मिसाइलें (Lightweight Multi-Role Missiles – LMM) सप्लाई करेगी.
यह डील ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय और भारत के रक्षा मंत्रालय के बीच रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखी जा रही है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सैन्य-औद्योगिक संबंधों का प्रतीक है.
क्या हैं ये हल्की मल्टी-रोल मिसाइलें (LMM)
थेल्स की विकसित LMM मिसाइलें ‘Martlet’ नाम से भी जानी जाती हैं.
इनकी सबसे बड़ी खासियत है —
- ये बहु-भूमिका (multi-role) हैं, यानी इन्हें हवाई, नौसैनिक और जमीनी प्लेटफॉर्म्स से दागा जा सकता है.
- इनका वजन करीब 13 किलोग्राम है और ये 12 किमी तक की दूरी पर लक्ष्य भेद सकती हैं.
- इन्हें विशेष रूप से ड्रोन, तेज़ नावों, हेलीकॉप्टरों और छोटे युद्धक लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
LMM सिस्टम को ब्रिटेन की नौसेना पहले से ही अपने Wildcat हेलीकॉप्टरों पर इस्तेमाल कर रही है. अब भारत में भी इसका उपयोग HAL Dhruv Mk-III या ALH प्लेटफॉर्म्स पर संभावित रूप से किया जा सकता है.
भारत-UK रक्षा संबंधों में नया अध्याय

यह सौदा भारत-UK Defence Partnership Roadmap 2030 के तहत हुआ है, जिसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन, तकनीकी सहयोग और संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देना है. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अनुबंध न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि “Make in India” पहल के तहत स्थानीय को-प्रोडक्शन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के अवसर भी पैदा करेगा.
थेल्स का बयान
थेल्स ने एक बयान में कहा,
“भारत के साथ यह समझौता हमारे लिए सम्मान की बात है. हम अपनी उन्नत मिसाइल टेक्नोलॉजी को भारत के रक्षा इकोसिस्टम के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
कंपनी ने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में मिसाइलों का उत्पादन और प्रारंभिक आपूर्ति चरणबद्ध तरीके से शुरू होगा.
सामरिक दृष्टि से क्यों अहम है यह सौदा?
भारत की नौसेना और वायुसेना को तेज़ प्रतिक्रिया क्षमता (Quick Reaction Capability) मिलेगी.
- छोटे आकार और उच्च सटीकता वाली ये मिसाइलें ड्रोन वारफेयर और समुद्री सुरक्षा में बेहद प्रभावी होंगी.
- भारत की इंडो-पैसिफिक रणनीति को ब्रिटेन के साथ मिलकर मज़बूती मिलेगी.
यह डील सिर्फ एक हथियार समझौता नहीं, बल्कि भारत-UK के बीच रणनीतिक भरोसे का प्रतीक है. थेल्स की मिसाइलें आने वाले वर्षों में भारत की नौसेना और हेलीकॉप्टर बेड़े को नई तकनीकी धार देने जा रही हैं. सौदे के क्रियान्वयन की शुरुआत 2026 की पहली तिमाही में होने की संभावना है.