पेरू की राजधानी लीमा में बढ़ते अपराध को देखते हुए सरकार ने 30 दिनों के लिए लगाया आपातकाल

पेरू सरकार ने राजधानी लीमा (Lima) और इसके पास के कॉलाओ (Callao) प्रांत में बढ़ते अपराध और हिंसक घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए 30 दिनों का “State of Emergency” घोषित कर दिया है.
राष्ट्रपति होसे जेरी (Jose Jeri) ने इस कदम को “जन सुरक्षा बहाली” के लिए ज़रूरी बताया, और कहा कि देश अब अपराध से “रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक” तरीके से निपटेगा.
बीते कुछ महीनों से लीमा में हत्याओं, लूट, ड्रग तस्करी और सशस्त्र गिरोहों की गतिविधियों में तेज़ वृद्धि हुई है. पिछले सप्ताह राजधानी में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. सरकार का कहना है कि स्थिति “नियंत्रण से बाहर जा रही थी”, इसलिए यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक था.
पेरू में सेना और पुलिस को मिली संयुक्त कार्रवाई की अनुमति
आपातकाल लागू होने के साथ ही सेना और पुलिस को मिलकर गश्त करने और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है.
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह उपाय नागरिक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि अपराध-विरोधी अभियान का हिस्सा है.
हालांकि, मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि इस कदम से “नागरिक स्वतंत्रता पर असर” पड़ सकता है और सुरक्षा बलों को अतिरिक्त शक्तियाँ मिलने से “दुरुपयोग” की आशंका भी बनी रहती है.
पिछली बार भी नहीं मिला बड़ा परिणाम
पेरू ने इससे पहले भी 2023 और 2024 में कुछ अपराध-प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल लागू किया था.
लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन उपायों से अपराध दर में स्थायी कमी नहीं आई. विश्लेषकों का कहना है कि जब तक देश में पुलिस सुधार, बेरोज़गारी और असमानता जैसे गहरे सामाजिक मुद्दों को नहीं सुलझाया जाता, तब तक यह कदम केवल अस्थायी राहत ही देगा.
सरकार की चुनौती
राष्ट्रपति जोसे जेरी हाल ही में पद पर आए हैं और अपराध-नियंत्रण को अपनी प्राथमिकता बताया है.
उनके अनुसार,
“हमारा उद्देश्य है कि लोग फिर से सड़कों पर सुरक्षित महसूस करें। अपराध के खिलाफ यह संघर्ष हमारी सरकार की पहचान बनेगा.”
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता
लीमा और कॉलाओ क्षेत्र न सिर्फ पेरू की राजधानी और मुख्य व्यापारिक केंद्र हैं, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और पर्यटन के लिए भी अहम हब हैं.
आपातकाल लागू होने से यहां व्यापारिक गतिविधियों, पर्यटन और निवेश माहौल पर भी असर पड़ सकता है.
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने स्थिति पर नज़र बनाए रखी है और पेरू सरकार से “संतुलित कार्रवाई” की अपील की है.
पेरू सरकार का 30-दिन का आपातकालिक कदम जनता में सुरक्षा की भावना तो बढ़ा सकता है, लेकिन यह तभी कारगर होगा जब साथ में पुलिस सुधार, न्यायिक मजबूती और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने की ठोस नीति भी अपनाई जाए. अभी के लिए यह कदम एक “सख्त राजनीतिक संदेश” है कि अपराध और अराजकता के खिलाफ पेरू अब पीछे नहीं हटेगा.