North Korea ने दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ा तनाव

उत्तर कोरिया ने दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ा तनाव | North Korea Missile Test 2025

North Korea ने बुधवार तड़के अपने पूर्वी समुद्री तट की ओर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिससे दक्षिण कोरिया और जापान में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं.

दक्षिण कोरिया की सेना ने बताया कि मिसाइलें लगभग 350 किलोमीटर तक उड़ने के बाद समुद्र में गिरीं. यह घटना मई 2025 के बाद North Korea का पहला मिसाइल परीक्षण है.

मिसाइल परीक्षण का समय और संदेश

यह लॉन्च ऐसे समय हुआ है जब अगले हफ्ते दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष नेताओं का एक बड़ा सम्मेलन होना है.

विश्लेषकों का कहना है कि यह राजनीतिक और सामरिक संदेश है, उत्तर कोरिया यह दिखाना चाहता है कि वह क्षेत्रीय दबावों या अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं से अप्रभावित है.

यह कदम अमेरिका-दक्षिण कोरिया गठबंधन के लिए भी एक चेतावनी संकेत माना जा रहा है, जो हाल के महीनों में संयुक्त सैन्य अभ्यासों के ज़रिए उत्तर कोरिया को घेरने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.

दक्षिण कोरिया और जापान की प्रतिक्रिया

सियोल की सेना ने कहा कि लॉन्च से पहले “असामान्य गतिविधि” देखी गई थी और उन्होंने मिसाइलों की दिशा ट्रैक की.

जापान ने पुष्टि की है कि इन मिसाइलों का उसके क्षेत्रीय जल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, परंतु अमेरिका और जापान के साथ सूचनाएँ साझा की जा रही हैं.

टोक्यो ने इस लॉन्च को “अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अस्वीकार्य” बताया है और उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के तहत कड़े प्रतिबंधों की पुनः समीक्षा की मांग की है.

अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

उत्तर कोरिया ने दागीं बैलिस्टिक मिसाइलें, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ा तनाव | North Korea Missile Test 2025

उत्तर कोरिया लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के बावजूद अपनी मिसाइल और परमाणु क्षमता को बढ़ा रहा है. यह परीक्षण उसके रणनीतिक हथियार कार्यक्रम की निरंतरता को दर्शाता है.

पिछले कुछ वर्षों में किम जोंग उन शासन ने छोटे, तेज और मोबाइल मिसाइल सिस्टम विकसित किए हैं जो अब कोरिया प्रायद्वीप से बाहर भी खतरा पैदा कर सकते हैं.

विशेषज्ञों की राय

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम उत्तर कोरिया की मोलभाव की रणनीति का हिस्सा है — वह भविष्य की वार्ताओं में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है.

साथ ही, यह एक तकनीकी परीक्षण भी हो सकता है जिससे उसकी नवीनतम शॉर्ट-रेंज मिसाइल तकनीक का मूल्यांकन किया जा सके.

आगे क्या?

दक्षिण कोरिया और अमेरिका संभवतः संयुक्त प्रतिक्रिया देंगे – कूटनीतिक विरोध के साथ-साथ नई सैन्य तैयारियों की घोषणा हो सकती है.

आने वाले सम्मेलन में यह विषय प्रमुख रहेगा, जिससे उत्तर कोरिया पर राजनैतिक दबाव बढ़ सकता है.

चीन और रूस की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि दोनों देश उत्तर कोरिया के मुख्य सहयोगी माने जाते हैं.

उत्तर कोरिया का यह मिसाइल लॉन्च न केवल तकनीकी शक्ति प्रदर्शन है, बल्कि एक भू-राजनीतिक बयान भी है. यह स्पष्ट करता है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव अभी खत्म नहीं हुआ, बल्कि यह अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है, जहाँ हर कदम का जवाब कूटनीतिक से अधिक सैन्य संकेतों के ज़रिए दिया जा रहा है.

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