भारतीय नौसेना को मिली 11वां गोला-बारूद, टॉरपीडो और मिसाइल बार्ज LSAM 25, नौसेना बेड़े में शामिल

भारतीय नौसेना को मिला 11वां ACTCM बार्ज LSAM 25 | Make in India की नई मिसाल

भारत की समुद्री शक्ति और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को नया आयाम देते हुए भारतीय नौसेना ने अपना 11वां Ammunition Cum Torpedo Cum Missile (ACTCM) Barge, LSAM 25 (Yard 135), अपने बेड़े में शामिल कर लिया है.

इसका अधिष्ठापन समारोह 17 अक्टूबर 2025 को मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित हुआ, जिसके मुख्य अतिथि कमांडर सुमीत विष्णु शिदोरे, महाप्रबंधक (आर), नौसेना डॉकयार्ड (MBI) थे.

स्वदेशी निर्माण – आत्मनिर्भरता की मिसाल

इन बार्जों के निर्माण और आपूर्ति का अनुबंध 05 मार्च 2021 को ठाणे की M/s Suryadipta Projects Pvt. Ltd., एक MSME शिपयार्ड, के साथ किया गया था.

महत्वपूर्ण बात यह है कि इन ACTCM बार्जों को एक भारतीय शिप डिजाइन फर्म ने पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है.

इनका मॉडल परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL) में किया गया, जहाँ इनकी समुद्री योग्यता (Sea Worthiness) को प्रमाणित किया गया.

इनका निर्माण Indian Register of Shipping (IRS) के प्रासंगिक नौसेना नियमों और विनियमों के अनुसार किया गया है — जिससे यह साबित होता है कि ये जहाज भारतीय नौसेना के कठोर मानकों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं.

भारतीय नौसेना को मिला 11वां ACTCM बार्ज LSAM 25 | Make in India की नई मिसाल

Make in India और MSME का योगदान

अब तक 10 ACTCM बार्ज पहले ही डिलीवर किए जा चुके हैं, और अब 11वां LSAM 25 भारतीय नौसेना को सौंपा गया है.

इसके साथ ही शिपयार्ड को भारतीय नौसेना के लिए चार Sledge Barges के निर्माण का नया अनुबंध भी मिला है — जो नौसेना द्वारा MSME क्षेत्र को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

क्यों हैं ये बार्ज खास?

ACTCM बार्ज भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक सपोर्ट प्लेटफॉर्म हैं. इनकी मदद से नौसेना अपने जहाजों, मिसाइल कैरियर्स और अन्य प्लेटफार्मों तक गोला-बारूद, टॉरपीडो और मिसाइलें आसानी से जेटी या बाहरी बंदरगाहों से पहुंचा सकेगी.

इससे न केवल ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ेगी, बल्कि भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धता को भी मजबूती मिलेगी.

भारत की बढ़ती नौसैनिक आत्मनिर्भरता

इस उपलब्धि के साथ भारत ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह अब रक्षा निर्माण में आयातक नहीं, निर्यातक राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत तैयार ये बार्ज भारतीय नौसेना की आधुनिक समुद्री आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा बन चुके हैं.

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