Indian Navy को मिली नई ताकत: पनडुब्बी रोधी युद्धक जहाज ‘मगदाला’ का कोचीन शिपयार्ड में लॉन्च

Indian Navy की आत्मनिर्भरता यात्रा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है. 18 अक्टूबर 2025 को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), कोच्चि में पनडुब्बी रोधी युद्ध शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC) श्रृंखला के छठे पोत ‘मगदाला’ (BY 528) का सफल जलावतरण किया गया.
इस समारोह में वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, चीफ ऑफ मटेरियल (CWPA&A), भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जबकि पारंपरिक नौसैनिक रीति के अनुसार रेणु राजाराम ने जहाज का जलावतरण किया.
‘मगदाला’ – समुद्र की गहराइयों में दुश्मन का पीछा करने वाला योद्धा

‘मगदाला’ को पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है. यह जहाज भारत की आत्मनिर्भर नौसैनिक तकनीक और शिपबिल्डिंग क्षमता का प्रतीक है.
ASW SWC पोतों की श्रृंखला का पहला जहाज अक्टूबर 2025 के अंत तक नौसेना को सौंपा जाएगा.
यह जहाज पनडुब्बी रोधी युद्धक अभियानों, माइन बिछाने, और समुद्र के भीतर निगरानी मिशनों के लिए तैयार किया गया है.
प्रमुख तकनीकी विशेषताएं

- तीन डीजल इंजनों से संचालित जल-जेट प्रणालियाँ (Water Jet Propulsion)
- हल-माउंटेड सोनार और लो-फ्रीक्वेंसी वेरिएबल डेप्थ सोनार (LFVDS)
- टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट, और NSG-30 गन
- 12.7 मिमी स्टेबलाइज्ड रिमोट-कंट्रोल गन (SRCG)
- उन्नत सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और कम्युनिकेशन नेटवर्क
इन आधुनिक प्रणालियों से लैस ‘मगदाला’ भारतीय नौसेना की पनडुब्बी-रोधी और समुद्री निगरानी क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगा.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और उपलब्धि
‘मगदाला’ का निर्माण 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री से किया गया है. यह न केवल भारत की नौसैनिक उत्पादन क्षमता को उजागर करता है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा को भी और मज़बूत बनाता है.
सामरिक महत्व
इस पोत का जलावतरण इस बात का प्रमाण है कि भारतीय नौसेना अब विदेशी प्लेटफॉर्म पर निर्भर नहीं है. ‘मगदाला’ भारतीय नौसेना को अंडरवाटर वॉरफेयर, सर्विलांस और स्ट्राइक मिशन में निर्णायक बढ़त देगा.
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