DRDO और SECI ने 300 मेगावॉट सोलर प्रोजेक्ट के लिए ऐतिहासिक समझौता किया

डीआरडीओ-SECI समझौता: 300 मेगावॉट सौर परियोजना से आत्मनिर्भर और नेट-ज़ीरो रक्षा प्रतिष्ठान की ओर भारत

रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते के तहत देशभर में स्थित डीआरडीओ प्रतिष्ठानों में 300 मेगावॉट क्षमता की सौर-आधारित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी.

यह एमओयू नई दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में हस्ताक्षरित किया गया. इस अवसर पर डॉ. समीर वी. कामत, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और चेयरमैन डीआरडीओ, तथा श्री संतोष कुमार सारंगी, आईएएस, सचिव, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय उपस्थित थे.

इस पहल का उद्देश्य वर्ष 2027 तक सभी प्रमुख DRDO परिसरों को “Self-Reliant” और “Net-Zero Energy Campuses” के रूप में विकसित करना है. इसका अर्थ है कि ये परिसर अपनी संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकता को नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करेंगे, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी.

डीआरडीओ-SECI समझौता: 300 मेगावॉट सौर परियोजना से आत्मनिर्भर और नेट-ज़ीरो रक्षा प्रतिष्ठान की ओर भारत

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘हरित भारत मिशन’ की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है. इसके माध्यम से डीआरडीओ न केवल अत्याधुनिक रक्षा अनुसंधान में बल्कि पर्यावरण-सुरक्षा और सतत ऊर्जा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा.

इस साझेदारी से यह भी उम्मीद की जा रही है कि डीआरडीओ प्रतिष्ठानों में सौर पैनल, ऊर्जा भंडारण, स्मार्ट ग्रिड प्रबंधन और उच्च दक्षता वाले ऊर्जा समाधान के विकास को बढ़ावा मिलेगा.

भारत की रक्षा और पर्यावरण नीति के संगम पर खड़ा यह समझौता देश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता और हरित तकनीक आधारित रक्षा अवसंरचना की दिशा में एक नई ऊँचाई देगा.

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