AMERICA, SOUTH KOREA और JAPAN का साझा सैन्य अभ्यास “Freedom Edge” शुरू

AMERICA, दक्षिण कोरिया और जापान ने मिलकर एक बड़ा त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसका नाम है “Freedom Edge”. यह अभ्यास दक्षिण कोरिया के जेजू द्वीप के तटवर्ती इलाकों में आयोजित हो रहा है. इसका उद्देश्य है तीनों देशों की संयुक्त सैन्य क्षमता और इंटरऑपरेबिलिटी को मज़बूत करना.
यह अभ्यास केवल नौसेना और वायुसेना तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें साइबर सुरक्षा, बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस और एयर डिफेंस ऑपरेशन भी शामिल किए गए हैं.
अभ्यास का उद्देश्य
उत्तर कोरिया लगातार बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु परीक्षण कर रहा है. तीनों देशों का मानना है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए सामूहिक क्षमता को बढ़ाना ज़रूरी है.
यह अभ्यास अमेरिका की “Free and Open Indo-Pacific Strategy” का हिस्सा है, जिसमें जापान और दक्षिण कोरिया प्रमुख सहयोगी माने जाते हैं.
अभ्यास के ज़रिए तीनों देशों की सेनाएँ एक-दूसरे की तकनीक, रणनीति और ऑपरेशनल प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से समझ पाएँगी.
अभ्यास में क्या-क्या शामिल है?
नौसैनिक अभ्यास: जहाज़ों और पनडुब्बियों की संयुक्त तैनाती, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, और समुद्री निगरानी.
वायु अभ्यास: फाइटर जेट्स के साथ एयर डिफेंस ड्रिल और हवाई हमले की सिमुलेशन ट्रेनिंग .
मिसाइल डिफेंस: बैलिस्टिक मिसाइल और एयर डिफेंस सिस्टम की संयुक्त तैनाती और प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण.
साइबर सुरक्षा अभ्यास: हैकिंग और साइबर-वारफेयर से बचाव की संयुक्त रणनीतियाँ.
क्यों है यह अभ्यास महत्वपूर्ण?
यह पहली बार है जब अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने इस स्तर पर एक त्रिपक्षीय समग्र सैन्य अभ्यास आयोजित किया है. चीन और उत्तर कोरिया, दोनों इस अभ्यास को अपनी रणनीतिक सुरक्षा के लिए चुनौती मानते हैं. यह अभ्यास दर्शाता है कि अमेरिका अपने एशियाई सहयोगियों के साथ मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए गंभीर है.
रणनीतिक संदेश
इस अभ्यास से तीन प्रमुख संदेश जाते हैं:
उत्तर कोरिया को चेतावनी: उसकी आक्रामक गतिविधियों का संयुक्त जवाब देने के लिए तीनों देश तैयार हैं.
चीन के लिए संकेत: दक्षिण चीन सागर और पूर्वी एशिया में अमेरिका और उसके सहयोगी अपनी उपस्थिति और प्रभाव को और मज़बूत कर रहे हैं।
वैश्विक सहयोग: यह अभ्यास NATO जैसे पश्चिमी सहयोगों से अलग, एशिया में एक नए “त्रिपक्षीय सुरक्षा ढांचे” के उभरते स्वरूप को दर्शाता है।
“Freedom Edge” केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की रणनीतिक एकजुटता का प्रतीक है. यह अभ्यास एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उत्तर कोरिया और चीन को एक स्पष्ट संदेश मिलता है कि तीनों देश किसी भी खतरे का सामना करने के लिए मिलकर तैयार हैं.
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