Tata Advanced Systems ने मोरक्को में शुरू की भारत की पहली विदेशी रक्षा उत्पादन इकाई

भारत के निजी रक्षा क्षेत्र ने एक बड़ा कदम उठाया है. Tata Advanced Systems Limited (TASL) ने मोरक्को के कासाब्लांका क्षेत्र की बेर्राचिद में अपनी पहली विदेशी रक्षा विनिर्माण इकाई (manufacturing facility) का उद्घाटन किया है. यह किसी भारतीय रक्षा कंपनी की पहली अंतरराष्ट्रीय उत्पादन यूनिट है.
इस यूनिट में WhAP-8×8 (Wheeled Armoured Platform) का उत्पादन होगा, जिसे DRDO और टाटा मोटर्स ने संयुक्त रूप से डिजाइन और विकसित किया है.
क्यों है यह पहल खास?
यह अफ्रीका में स्थापित किसी भारतीय रक्षा कंपनी की पहली उत्पादन इकाई है. यहां बनने वाले व्हीकल्स की पहली खेप मोरक्को की रॉयल आर्मी को मिलेगी, और आगे चलकर निर्यात के भी रास्ते खुलेंगे.
इस फैसिलिटी से भारत की “आत्मनिर्भर भारत” नीति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है.
WhAP-8×8 की तकनीकी खूबियाँ
- इंटीग्रेटेड पावर पैक और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन
- फ्लोटेशन और प्रोपल्शन सिस्टम, जिससे यह पानी और कठिन इलाकों में भी चल सकता है
- मॉड्यूलर डिजाइन – अलग-अलग मिशन के हिसाब से कॉन्फ़िगर किया जा सकता है.
- यह बेहतर मोबिलिटी, सर्वाइवेबिलिटी और ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी में सक्षम है.
रणनीतिक महत्व
यह परियोजना केवल एक औद्योगिक निवेश नहीं बल्कि एक रणनीतिक साझेदारी है. इससे मोरक्को में स्थानीय सप्लाई चेन, रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा. भारत के लिए यह रक्षा निर्यात और सहयोग का एक नया द्वार है.
इससे यह साफ संदेश जाता है कि भारत अब केवल रक्षा उपकरणों का खरीदार नहीं बल्कि वैश्विक निर्माता और साझेदार भी है.
कुल मिलाकर, TASL की यह मोरक्को यूनिट भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और वैश्विक विश्वसनीयता दोनों को मजबूत करती है. WhAP-8×8 अब सिर्फ़ भारत का नहीं बल्कि भारत-मोरक्को रक्षा साझेदारी का प्रतीक बन गया है.
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