Swan Defence करेगी पिपावव शिपयार्ड का आधुनिकीकरण, 4,250 करोड़ रुपये का समझौता

भारत के शिपबिल्डिंग सेक्टर को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. Swan Defence & Heavy Industries (SDHI) ने गुजरात मेरीटाइम बोर्ड (GMB) के साथ 4,250 करोड़ रुपये (करीब 480 मिलियन डॉलर) का समझौता किया है. इस समझौते के तहत गुजरात के पिपावव शिपयार्ड का आधुनिकीकरण और विस्तार किया जाएगा.
क्या होगा समझौते के तहत?
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य पिपावव शिपयार्ड को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस करना है ताकि भारत की नौसैनिक और वाणिज्यिक जहाज निर्माण क्षमता को नई ऊँचाइयों तक ले जाया जा सके.
नए ड्राई डॉक और रिपेयर फैसिलिटी तैयार की जाएँगी. बड़े युद्धपोत, कार्गो वेसल और ऑफशोर सपोर्ट शिप्स का निर्माण और रखरखाव किया जा सकेगा. रोजगार के हजारों नए अवसर भी पैदा होंगे.
सामरिक महत्व
पिपावव शिपयार्ड भारत के सबसे बड़े शिपबिल्डिंग परिसरों में से एक है. इसका आधुनिकीकरण न केवल भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड के लिए मददगार होगा, बल्कि वाणिज्यिक जहाज निर्माण के क्षेत्र में भी भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे ले जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल को गति देगा.
SDHI और GMB का यह करार भारत के शिपबिल्डिंग उद्योग को नई दिशा देगा. इससे न केवल घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि भारत वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में और भी सशक्त बनकर उभरेगा.
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