जापान में पहली बार तैनात हुई Typhon मिसाइल प्रणाली, चीन और रूस तक पहुंच से बढ़ी हलचल

Japan Deploys Typhon Missile System for First Time During Resolute Dragon Drill, Targets Within Reach of China and Russia

अमेरिका और जापान ने अपने संयुक्त सैन्य अभ्यास “Resolute Dragon” के दौरान पहली बार अत्याधुनिक Typhon मिसाइल प्रणाली को तैनात किया है. यह कदम इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा संतुलन को प्रभावित कर सकता है और चीन-रूस को सीधा संदेश देने वाला माना जा रहा है.

क्या है Typhon मिसाइल प्रणाली?

Typhon एक मध्यम-दूरी की जमीन आधारित मिसाइल प्रणाली है, जिसे अमेरिकी सेना ने विकसित किया है. इसमें टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइल और SM-6 मिसाइलें दागने की क्षमता है.

इसकी मारक दूरी इतनी है कि जापान से दागी जाने पर यह चीन के पूर्वी तट और यहां तक कि रूस के कुछ हिस्सों तक आसानी से पहुंच सकती है.

यह प्रणाली भूमि आधारित होने के कारण लचीलापन और तेज़ी से तैनाती की सुविधा देती है.

रणनीतिक महत्व

चीन के लिए चुनौती: दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट में चीन की गतिविधियों के बीच यह प्रणाली चीन की समुद्री सुरक्षा पर दबाव डाल सकती है.

रूस के लिए संदेश: यूक्रेन युद्ध और एशिया में रूसी गतिविधियों को देखते हुए यह सिस्टम रूस के पूर्वी क्षेत्र पर भी निगरानी रख सकता है.

NATO और सहयोगियों के लिए मजबूती: यह कदम अमेरिका-जापान रक्षा सहयोग को और गहरा करता है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदल सकता है.

क्षेत्रीय प्रतिक्रिया

चीन पहले ही अमेरिकी मिसाइल तैनाती का विरोध कर चुका है और इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया है. रूस ने भी चेतावनी दी है कि ऐसे कदम एशिया-प्रशांत में सैन्य तनाव बढ़ा सकते हैं. वहीं जापान और अमेरिका का मानना है कि यह तैनाती सिर्फ रक्षात्मक है और क्षेत्रीय सहयोगियों को सुरक्षा आश्वासन देने के लिए है.

Typhon मिसाइल प्रणाली की जापान में तैनाती एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक नई सुरक्षा वास्तविकता को जन्म देती है. यह न सिर्फ़ चीन और रूस के लिए रणनीतिक चुनौती है बल्कि अमेरिका-जापान गठबंधन की बढ़ती सैन्य शक्ति का स्पष्ट संकेत भी है.

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