Indian Navy का INS NISTAR पैसिफिक रीच 2025 अभ्यास में शामिल

Indian Navy’s INS Nistar Arrives in Singapore for Pacific Reach 2025 Exercise

Indian Navy का नवीनतम स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) – आईएनएस निस्तार, 14 सितम्बर 2025 को सिंगापुर के चांगी नौसैनिक अड्डे पर पहुंच गया. यह जहाज 15 सितम्बर से शुरू होने वाले बहुराष्ट्रीय पनडुब्बी बचाव अभ्यास “Pacific Reach 2025 (XPR-25)” में हिस्सा लेगा.

आत्मनिर्भर भारत का उदाहरण है Indian Navy का INS NISTAR

आईएनएस निस्तार को 18 जुलाई 2025 को कमीशन किया गया था. यह जहाज भारत की जहाज निर्माण क्षमता और आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) की दिशा में एक बड़ा कदम है. 80% से अधिक स्वदेशीकरण के साथ बना यह जहाज आधुनिक तकनीक से लैस है.

इसमें साइड स्कैन सोनार, आरओवी (Remotely Operated Vehicle) और उन्नत डीप-सी डाइविंग सिस्टम लगे हैं. यह जहाज Deep Submergence Rescue Vehicle (DSRV) के लिए MOSHIP (Mother Ship) की भूमिका निभाएगा.

भारत की पनडुब्बी बचाव क्षमता

Indian Navy’s INS Nistar Arrives in Singapore for Pacific Reach 2025 Exercise

भारत ने वर्ष 2018-19 में दो डीएसआरवी (प्रत्येक समुद्र तट के लिए एक) शामिल किए, जो 650 मीटर की गहराई तक पनडुब्बियों को बचाने में सक्षम हैं.

इन्हें या तो किसी मौजूदा जहाज (Vessel of Opportunity – VOO) पर तैनात किया जा सकता है या फिर तात्कालिक आवश्यकता पर इन्हें एयरलिफ्ट करके पास के बंदरगाह पर तैनात किया जा सकता है.

Pacific Reach 2025 – क्या है खास?

यह द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय अभ्यास सिंगापुर द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इसमें 40 से अधिक देश सक्रिय प्रतिभागी या पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे.

अभ्यास दो चरणों में होगा:

बंदरगाह चरण – विशेषज्ञ चर्चाएँ, चिकित्सा संगोष्ठी, क्रॉस-डेक विज़िट और पनडुब्बी बचाव प्रणालियों पर तकनीकी आदान-प्रदान.

समुद्री चरण – दक्षिण चीन सागर में वास्तविक पनडुब्बी बचाव अभियानों और हस्तक्षेप अभ्यासों का संचालन.

क्यों महत्वपूर्ण है यह अभ्यास?

विभिन्न देशों की पनडुब्बी बचाव प्रणालियों और प्लेटफॉर्म्स को एक साथ लाने का मौका.

सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और इंटरऑपरेबिलिटी (परस्पर संचालन क्षमता) को बढ़ावा.

भारतीय नौसेना के लिए क्षेत्रीय साझेदारी मजबूत करने और अपनी तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का अवसर.

आईएनएस निस्तार का पैसिफिक रीच 2025 में शामिल होना न सिर्फ भारत की पनडुब्बी बचाव क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत दिखाता है, बल्कि यह भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक और समुद्री सहयोग की दिशा में बढ़ते कदमों को भी दर्शाता है.

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