INDIAN NAVY ने अपने युद्धपोत पर लगाया पहला 3D एयर सर्विलांस रडार, समुद्री सुरक्षा को मिला नया कवच

INDIAN NAVY ने अपनी तकनीकी क्षमताओं को एक नए स्तर पर पहुंचाते हुए पहली बार अपने युद्धपोत पर 3D एयर सर्विलांस रडार (3D-ASR) को आधिकारिक रूप से कमिशन किया है. यह अत्याधुनिक रडार Lanza-N Naval Radar है, जिसे स्पेन की रक्षा कंपनी Indra और Tata Advanced Systems ने मिलकर तैयार किया है.
इंद्रा का ‘लांजा-एन’ सबसे उन्नत लंबी दूरी का सर्विलांस रडार है. यह हवा और सतह दोनों के लक्ष्यों को 3D में ट्रैक करता है. ‘लांजा-एन’ दुश्मन के हमलों को रोकने में माहिर है. खराब मौसम में भी यह काम करता है. यह रडार आधुनिक नौसैनिक युद्धपोतों की निगरानी और सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह रडार हवा में मौजूद फाइटर जेट्स, क्रूज़ मिसाइलों, हाइपरसोनिक हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों को बड़ी दूरी से डिटेक्ट कर सकता है.
अब बात करते है Lanza-N रडार की खासियत के बारे

- इसकी रेंज 254 नॉटिकल माइल्स (लगभग 470 किमी) है.
- 3D ट्रैकिंग क्षमता – इसकी 3D ट्रैकिंग क्षमता नौसेना के जहाजों को रीयल-टाइम सिचुएशनल अवेयरनेस देती है. जिससे लक्ष्य की ऊँचाई, दूरी और दिशा का सटीक पता चलता है. दुश्मन के हवाई ख़तरों की शुरुआती चेतावनी (early warning) देकर यह युद्धपोतों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है.
- L-बैंड ऑपरेशन – मध्यम और लंबी दूरी की हवाई निगरानी करने में यह माहिर है.
- IFF (Identification Friend or Foe) – दुश्मन और मित्र लक्ष्य की पहचान करने की क्षमता.
- मल्टी-टारगेट डिटेक्शन – यह एक साथ कई हवाई खतरों की निगरानी कर सकता है.
- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रतिरोध – जैमिंग और क्लटर की स्थिति में भी साफ डेटा उपलब्ध कराना.
क्यों है यह तैनाती अहम?
यह पहला मौका है जब भारतीय नौसेना ने अपने जहाज़ पर इस तरह का आधुनिक 3D सर्विलांस रडार लगाया है. इससे नौसेना की एयर डिफेंस और समुद्री सुरक्षा क्षमता में बड़ा सुधार होगा.
ड्रोन, सुपरसोनिक विमान और एंटी-रेडिएशन मिसाइल जैसे खतरों की पहचान अब और आसान होगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इस तरह के 3D रडार अन्य नौसैनिक जहाज़ों पर भी लगाए जाएंगे. इससे भारतीय नौसेना को अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और टैक्टिकल एडवांटेज दोनों मिलेंगे. साथ ही, इसका स्वदेशी उत्पादन भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता (Atmanirbharta) की दिशा में और मज़बूत बनाएगा.
पहली तैनाती के बाद भारतीय नौसेना के फ्रिगेट्स, डेस्ट्रॉयर्स और एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर इन रडारों की इंस्टॉलेशन शुरू हो चुकी है. कुल 23 Lanza-N रडार सिस्टम भारतीय नौसेना के जहाजों पर लगाए जाएंगे. इस परियोजना से भारत की एयर डिफेंस और मिसाइल डिफेंस क्षमता समुद्र में और भी मज़बूत होगी.
रणनीतिक महत्व
दुनिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की नौसेना के लिए यह रडार सिस्टम बेहद अहम साबित होगा.
यह समुद्र में भारतीय युद्धपोतों को 360-डिग्री एयर सर्विलांस कवरेज देगा. आने वाले समय में यह सिस्टम भारत की मल्टी-लेयर एयर डिफेंस स्ट्रैटेजी का अभिन्न हिस्सा बन जाएगा.
भारतीय नौसेना की यह उपलब्धि न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि आने वाले समय में हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति को और मज़बूत बनाएगी. Lanza-N रडार की तैनाती के साथ भारतीय युद्धपोत अब और भी ज्यादा सतर्क, सक्षम और आत्मनिर्भर बनकर उभरेंगे.
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