भारत का अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन अभ्यास “Cold Start” – हवाई रक्षा में नई छलांग

भारत अक्टूबर की शुरुआत में अपनी हवाई सुरक्षा क्षमताओं को और मज़बूत करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन और काउंटर-ड्रोन अभ्यास आयोजित करने जा रहा है. इस ऑपरेशन का नाम रखा गया है “Cold Start”, जिसमें अत्याधुनिक मानवरहित हवाई प्रणालियों (UAS), निगरानी ड्रोन और काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी की वास्तविक परिस्थितियों में परख की जाएगी.
यह अभ्यास न केवल भारतीय वायुसेना और थलसेना की तैयारियों को परखने का अवसर देगा, बल्कि ड्रोन युद्ध (Drone Warfare) के भविष्य की एक झलक भी दिखाएगा.
“सुदर्शन चक्र” एयर डिफेंस सिस्टम: भारत का भविष्य

भारत केवल अभ्यास तक सीमित नहीं है, बल्कि समानांतर रूप से एक दीर्घकालिक रक्षा प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) “सुदर्शन चक्र” (Sudarshan Chakra) नामक स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम विकसित कर रहा है.
इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य है कि 2035 तक एक बहु-स्तरीय वायु रक्षा कवच तैयार किया जाए, जो – दुश्मन के ड्रोन, लड़ाकू विमान, हाइपरसोनिक हथियारों, और उन्नत मानवरहित हवाई प्रणालियों (UAS), को पलभर में पहचानकर निस्तारित कर सके.
क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?

ड्रोन युद्ध का बढ़ता खतरा – यूक्रेन युद्ध से लेकर मध्य पूर्व तक, ड्रोन ने आधुनिक युद्ध की परिभाषा बदल दी है. भारत इस चुनौती का जवाब स्वदेशी समाधानों से देना चाहता है.
टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता – “सुदर्शन चक्र” जैसे प्रोजेक्ट भारत को विदेशी रक्षा प्रणालियों पर निर्भरता से मुक्त करेंगे.
2035 की दृष्टि – यह सिर्फ तत्काल सुरक्षा नहीं बल्कि आने वाले दशकों के लिए तैयार रहने का रणनीतिक रोडमैप है.
“Cold Start” अभ्यास और “सुदर्शन चक्र” प्रणाली भारत की रक्षा रणनीति में Game Changer साबित हो सकते हैं. ये दोनों पहलें स्पष्ट संकेत देती हैं कि भारत अब न केवल पारंपरिक खतरों से बल्कि भविष्य के हाइब्रिड और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन युद्धों से निपटने के लिए तैयार हो रहा है.
भारत की यह छलांग आने वाले वर्षों में एशिया की सुरक्षा संतुलन को नई दिशा दे सकती है.
One thought on “भारत का अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन अभ्यास “Cold Start” – हवाई रक्षा में नई छलांग”