Egypt ने सिनाई में तैनात किए चीनी HQ-9B एयर डिफेंस सिस्टम, इज़राइल में बढ़ी चिंता

Egypt Deploys Chinese HQ-9B Air Defense Systems in Sinai amid Rising Israel Tensions

मध्य-पूर्व में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी बीच मिस्र (Egypt) ने एक बड़ा कदम उठाया है. कई रक्षा रिपोर्टों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया स्रोतों के मुताबिक मिस्र ने चीन से खरीदे गए HQ-9B लंबी दूरी के एयर डिफेंस सिस्टम को सिनाई प्रायद्वीप (Sinai Peninsula) में तैनात कर दिया है. इस कदम ने इज़राइल और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा समीकरणों को और जटिल बना दिया है.

HQ-9B: चीन का ‘लॉन्ग-रेंज शील्ड’

HQ-9B चीन द्वारा विकसित एक आधुनिक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (LR-SAM) है. इसकी रेंज 200 किलोमीटर तक मानी जाती है. यह दुश्मन के फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है. विशेषज्ञ इसे रूसी S-300 और अमेरिकी Patriot सिस्टम की श्रेणी में मानते हैं.

क्यों है यह तैनाती अहम?

मिस्र ने लंबे समय से सिनाई में सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए नए हथियारों और रक्षा प्रणालियों को शामिल किया है. HQ-9B की तैनाती से मिस्र को इज़राइल के साथ-साथ अन्य संभावित खतरों के खिलाफ भी लंबी दूरी तक निगरानी और जवाबी कार्रवाई की क्षमता मिल जाएगी.

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब गाज़ा और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ रहा है और क्षेत्र में नए सैन्य समीकरण बन रहे हैं.

रणनीतिक असर

इज़राइल की चिंता यह है कि सिनाई में HQ-9B की मौजूदगी उसकी वायु अभियानों और निगरानी गतिविधियों पर असर डाल सकती है.

यह तैनाती मिस्र की स्वतंत्र सामरिक शक्ति को भी उजागर करती है, जो अब अमेरिकी और रूसी प्रणालियों से आगे बढ़कर चीनी रक्षा तकनीक पर भी निर्भर हो रही है.

विशेषज्ञों का मानना है कि HQ-9B मिस्र के मल्टी-लेयर एयर डिफेंस नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा.

आधिकारिक पुष्टि और संदेह

रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि सिस्टम को सिनाई में तैनात किया गया है. हालांकि, अब तक मिस्र की सरकार या रक्षा मंत्रालय की सीधी आधिकारिक घोषणा सामने नहीं आई है. खुले स्रोतों (Open-Source) से सैटेलाइट इमेजरी द्वारा स्थान-विशेष की स्वतंत्र पुष्टि भी अभी सीमित है.

मिस्र द्वारा HQ-9B की तैनाती मध्य-पूर्व में शक्ति संतुलन को बदल सकती है. यह कदम इज़राइल और मिस्र के बीच सुरक्षा समीकरणों को और जटिल बनाएगा. साथ ही, यह चीनी रक्षा तकनीक की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता को भी दर्शाता है. आने वाले समय में यह तैनाती पूरे क्षेत्र की जियोपॉलिटिक्स और सुरक्षा नीतियों पर गहरा असर डाल सकती है.

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