Dassault Aviation ने Reliance JV में बनाया बहुमत, 51% हिस्सेदारी पर कब्ज़ा

फ्रांस की प्रमुख विमानन कंपनी Dassault Aviation ने भारत में अपने संयुक्त उद्यम Dassault Reliance Aerospace Ltd (DRAL) में बहुमत नियंत्रण हासिल कर लिया है. कंपनी ने Reliance Aerostructure Ltd से अतिरिक्त 2% हिस्सेदारी खरीदकर अपनी हिस्सेदारी को 51% तक बढ़ा लिया है. इसके साथ ही, Reliance की हिस्सेदारी घटकर 49% रह गई है.
डील का मूल्य और समयसीमा
इस सौदे की कुल कीमत करीब ₹175.96 करोड़ (लगभग 176 करोड़ रुपये) आंकी गई है. समझौते के अनुसार यह लेन-देन 1 नवंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा. डील पूरी होने के बाद DRAL अब Reliance Infrastructure की सहायक कंपनी नहीं रहेगी, बल्कि इसे एसोसिएट कंपनी के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.
DRAL का कामकाज

नागपुर स्थित DRAL यूनिट में Rafale लड़ाकू विमान और Falcon 2000 बिजनेस जेट्स के महत्वपूर्ण घटक बनाए जाते हैं. Dassault ने DRAL को Centre of Excellence (CoE) का दर्जा दिया है.
कंपनी की योजना नागपुर (MIHAN SEZ) में Falcon जेट्स की फाइनल असेंबली लाइन स्थापित करने की भी है.
रणनीतिक महत्व
Dassault का यह कदम भारत में उसकी मौजूदगी को और मजबूत करेगा. अब कंपनी DRAL के संचालन पर पूर्ण नियंत्रण रखेगी, जिससे उत्पादन, गुणवत्ता और तकनीकी ट्रांसफर पर अधिक ध्यान दिया जा सकेगा.
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, यह बदलाव भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल और देश में एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा.
DRAL में साझेदार बना रहेगा Reliance
इस डील से Dassault Aviation को भारत में अपने दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी. वहीं Reliance, जो अब माइनॉरिटी शेयरहोल्डर बन गया है, DRAL में साझेदार बना रहेगा. आने वाले वर्षों में नागपुर स्थित यह सुविधा भारत के रक्षा और नागरिक दोनों विमानन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.