चीन का घातक लेज़र हथियार LY-1: सेकंडों में गिरा देगा दुश्मन का ड्रोन!

दुनिया भर में ड्रोन युद्ध और स्मार्ट हथियारों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध हो या मध्य-पूर्व के हमले, छोटे ड्रोन बड़े-बड़े सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टम को चुनौती दे रहे हैं. इसी खतरे को देखते हुए चीन ने ऐसा हाई-टेक हथियार दुनिया के सामने पेश किया है जो आने वाले समय में युद्ध की तस्वीर बदल सकता है.
इस हथियार का नाम है- LY-1 लेज़र वेपन सिस्टम (Laser Weapon System). इसे चीन की रक्षा कंपनी Poly Technologies ने विकसित किया है. चीन ने इसे 2023 में पहली बार प्रदर्शित किया था.
आखिर चीन का LY-1 लेज़र वेपन क्या है?

LY-1 कोई पारंपरिक तोप या मिसाइल नहीं है. यह एक Directed Energy Weapon है, जो दुश्मन को हाई-एनर्जी लेज़र बीम से खत्म करता है. यानी इसमें न बारूद लगता है और न मिसाइल — बस बिजली चाहिए. चीन का दावा है कि यह सिस्टम सेकंडों में दुश्मन के ड्रोन या छोटे रॉकेट को हवा में ही जला सकता है. इसे खासतौर पर ड्रोन, रॉकेट, आर्टिलरी शेल और लो-एंड मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
अब जानते हैं LY-1 की ताकत और क्षमताएँ
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक LY-1 की क्षमता काफी खतरनाक मानी जा रही है. इसका प्रभावी रेंज लगभग 1 से 5 किलोमीटर तक है और टार्गेट लॉक होने के बाद यह सब-मीटर लेवल प्रेसिशन के साथ वार करता है.
यह क्वाडकॉप्टर, UAV, रॉकेट, आर्टिलरी शेल और छोटी मिसाइलों को आसानी से निशाना बना सकता है.
सिस्टम में Electro-Optical सेंसर, Infrared ट्रैकिंग और छोटा AESA रडार शामिल किया गया है. इसे ट्रक, 8×8 टैक्टिकल व्हीकल या स्टैटिक डिफेंस प्लेटफॉर्म पर आसानी से लगाया जा सकता है. खास बात यह है कि यह केवल 2 से 5 सेकंड में टार्गेट को जलाने में सक्षम है.
सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी फायरिंग लागत बेहद कम है— हर शॉट की कीमत केवल कुछ डॉलर, जबकि एक मिसाइल इंटरसेप्टर की कीमत लाखों में होती है. एक साथ कई टार्गेट को तेजी से ट्रैक और हिट कर सकता है.
इसमें अनलिमिटेड एम्युनिशन है, क्योंकि यह सिर्फ बिजली पर चलता है. यह पूरी तरह साइलेंट और इनविज़िबल है, यानी बिना आवाज़ और धुएँ के दुश्मन को मार गिराता है. इसकी हाई प्रेसिशन क्षमता भीड़भाड़ वाले इलाकों में collateral damage को कम कर देती है. सबसे अहम—यह ड्रोन स्वार्म अटैक में एक के बाद एक टार्गेट बदलकर कई ड्रोन को गिरा सकता है.
अब बात करते है यह सिस्टम काम कैसे करता है..

LY-1 सबसे पहले अपने रडार और EO सिस्टम से टार्गेट पकड़ता है. इसके बाद AI-आधारित फायर कंट्रोल सिस्टम लेज़र बीम को सटीक तरीके से फोकस करता है. हाई-एनर्जी लेज़र सीधा दुश्मन के ड्रोन या मिसाइल पर पड़ता है और उसकी सतह को गर्म कर देता है. नतीजा—टार्गेट के इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर और ढांचा जलकर नष्ट हो जाते हैं और वह हवा से सीधे जमीन पर गिर पड़ता है.
इन सारी खूबियों के बावजूद इसमें कई खामियां भी है. तो अब बात करते है इसकी खामियों पर
हालांकि यह सिस्टम हर परिस्थिति में काम नहीं कर पाता. बारिश, धुंध और धूल जैसी परिस्थितियों में लेज़र बीम कमजोर हो जाती है. साथ ही इसे चलाने के लिए हाई-पावर एनर्जी सोर्स और कूलिंग सिस्टम की भी जरूरत पड़ती है. इसकी अधिकतम प्रभावी दूरी अभी केवल 5–6 किलोमीटर तक ही सीमित है.
भारत के लिए क्या मायने?
चीन का LY-1 सीधे तौर पर भारत के लिए भी चिंता का कारण बन सकता है. खासकर भारत-चीन सीमा (LAC) पर, जहाँ ड्रोन निगरानी और सुरक्षा मिशनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है. चीन इस लेज़र सिस्टम को वहां तैनात करके भारतीय ड्रोन ऑपरेशनों पर असर डाल सकता है. भारत भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है. हाल ही में भारत ने IADWS का परीक्षण किया है. जिसकी प्रशंसा खुद चीन ने भी किया है.
कुल मिलाकर चीन का LY-1 अभी “ready to field weapon” है. भारत का लेज़र प्रोग्राम promising है, लेकिन अभी रिसर्च और ट्रायल स्टेज पर है.
क्यों खास है चीन का यह हथियार?
आज की जंग में ड्रोन और सस्ते एयरबोर्न हथियार सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध में यह साफ हो चुका है कि लाखों डॉलर के एयर डिफेंस सिस्टम को कुछ सौ डॉलर के ड्रोन भी चुनौती दे सकते हैं. ऐसे में लो-कॉस्ट और हाई-प्रेसिशन हथियारों की ज़रूरत है. LY-1 उसी ज़रूरत को पूरा करता है. कुल मिलाकर, चीन का LY-1 लेज़र सिस्टम “लेज़र आयरन डोम” साबित हो सकता है, जो न सिर्फ ड्रोन युद्ध बल्कि आने वाले समय में पूरी युद्ध रणनीति को बदल देगा.
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