बिहार को मिलेगा नया 4-लेन हाईवे: साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड को मिली मंजूरी

बिहार को मिला नया 4-लेन हाईवे: साहेबगंज-अरेराज-बेतिया NH-139W परियोजना को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बिहार में एनएच-139W (साहेबगंज-अरेराज-बेतिया) खंड को 4-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर बनाई जाएगी, जिसकी कुल लंबाई 78.94 किमी और लागत ₹3,822.31 करोड़ होगी.

परियोजना के मुख्य उद्देश्य

  • पटना और बेतिया के बीच तेज कनेक्टिविटी प्रदान करना.
  • उत्तर बिहार के सात जिलों — वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण को जोड़ना.
  • भारत-नेपाल सीमा क्षेत्रों तक पहुंच को आसान बनाना.
  • लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों को फायदा.
  • सीमा पार व्यापार मार्गों से बेहतर कनेक्शन, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास तेज होगा.

बौद्ध सर्किट और पर्यटन को बढ़ावा

यह परियोजना 7 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 6 सामाजिक नोड्स, 8 लॉजिस्टिक नोड्स और 9 प्रमुख पर्यटन/धार्मिक केंद्रों को जोड़ेगी. इससे बिहार का बौद्ध सर्किट और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बड़ा फायदा होगा.

  • केसरिया बुद्ध स्तूप (साहेबगंज)
  • सोमेश्वरनाथ मंदिर (अरेराज)
  • जैन मंदिर और विश्व शांति स्तूप (वैशाली)
  • महावीर मंदिर (पटना)

हाईवे की प्रमुख विशेषताएँ

  • डिज़ाइन स्पीड: 100 किमी/घंटा (वाहनों की औसत गति 80 किमी/घंटा).
  • यात्रा समय: साहेबगंज से बेतिया की दूरी मौजूदा 2.5 घंटे से घटकर सिर्फ 1 घंटा रह जाएगी.
  • कनेक्टिविटी: एनएच-31, एनएच-722, एनएच-727, एनएच-27 और एनएच-227A से जुड़ाव.
  • सुरक्षित और तेज परिवहन: यात्री और मालवाहक वाहनों के लिए निर्बाध यात्रा.

रोजगार और आर्थिक विकास

  • प्रत्यक्ष रोजगार: 14.22 लाख मानव दिवस
  • अप्रत्यक्ष रोजगार: 17.69 लाख मानव दिवस
  • आसपास के क्षेत्रों में नए रोजगार अवसर और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.

यह परियोजना न केवल बिहार की सड़क संरचना को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी बल्कि क्षेत्रीय व्यापार, पर्यटन और निवेश के लिए भी नए द्वार खोलेगी.

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