भारतीय नौसेना ने ओडिशा स्टार्टअप Coratia Technologies से किया ₹66 करोड़ का बड़ा करार

भारतीय नौसेना ने ओडिशा स्टार्टअप Coratia Technologies से किया ₹66 करोड़ का बड़ा करार

भारतीय नौसेना ने देश की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. नौसेना ने ओडिशा स्थित स्टार्टअप Coratia Technologies के साथ ₹66 करोड़ (लगभग $750,000) का अनुबंध किया है. इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना को स्वदेशी रिमोट अंडरवॉटर व्हीकल्स (UWROVs) और Autonomous Surface Vehicle (ASV) प्राप्त होंगे.

नौसेना के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह डील?

समुद्र की गहराइयों में काम करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है. जहाजों के नीचे जमा काई और अवरोध हटाना (Hull Cleaning), पानी के भीतर मरम्मत, सैल्वेज ऑपरेशन और बंदरगाहों में सुरक्षा जांच जैसे कार्यों के लिए अब तक भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन इस करार के बाद नौसेना को पूरी तरह से देशी तकनीक पर आधारित आधुनिक अंडरवॉटर सिस्टम मिलने वाले हैं.

Coratia Technologies की खासियत

कंपनी ने Advanced Underwater Robotics और AI-आधारित स्वायत्त सिस्टम विकसित किए हैं. इनके UWROVs पानी के भीतर रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट किए जा सकते हैं. ASVs बिना पायलट के सतह पर चल सकते हैं और निगरानी व सर्वे ऑपरेशनों में सहायक हैं.

ये उपकरण दुश्मन की पानी के नीचे की गतिविधियों का पता लगाने और समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगे.

भारत के लिए बड़ा कदम

यह सौदा सिर्फ तकनीकी सहयोग नहीं बल्कि ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल की बड़ी उपलब्धि भी है. इससे भारतीय नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि होगी और साथ ही स्वदेशी रक्षा स्टार्टअप्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

भारतीय नौसेना और Coratia Technologies का यह सहयोग यह साबित करता है कि आने वाले समय में भारत की समुद्री सुरक्षा और भी मजबूत होगी. स्वदेशी तकनीक के आधार पर तैयार ये अंडरवॉटर व्हीकल्स भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे और भविष्य में विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करेंगे.

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