Z-10ME: पाकिस्तान का नया अटैक हेलीकॉप्टर, क्या भारत को सतर्क होना चाहिए?

Z-10ME

2 अगस्त, 2025 को पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू बेड़े में एक और घातक हथियार शामिल कर लिया है. चीन निर्मित Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टर अब आधिकारिक रूप से पाकिस्तान आर्मी एविएशन कॉर्प्स का हिस्सा बन चुका है.

यह हेलीकॉप्टर पुराने AH-1F कोबरा हेलीकॉप्टरों की जगह लेगा, जिन्हें 1980 के दशक में अमेरिकी सहयोग से शामिल किया गया था. लेकिन अब ये कोबरा हेलीकॉप्टर आधुनिक युद्धक्षेत्रों की चुनौतियों के सामने outdated साबित हो रहे थे.

Z-10ME हेलीकॉप्टर की उत्पत्ति और निर्माण

Z-10ME असल में चीन के CAIC यानी Changhe Aircraft Industries Corporation द्वारा विकसित Z-10 अटैक हेलीकॉप्टर का निर्यात संस्करण है. इसे खासतौर पर दिन और रात दोनों समय में सटीक हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है.

चीन का दावा है कि Z-10ME, अमेरिकी AH-64 Apache और रूसी Mi-28 Havoc का जवाब है — और अब ये पाकिस्तान की नई आक्रामक शक्ति बन चुका है.

Z-10ME हेलीकॉप्टर डबल इंजन वाला हेलीकॉप्टर है, जिसमें WZ-9G टर्बोशाफ्ट इंजन लगा है. इसे विशेष रूप से उच्च ऊंचाई, गर्मी और धूल भरे इलाकों में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार किया गया है. इसकी अधिकतम गति है लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटा, और इसकी combat radius 800 से 1,120 किलोमीटर तक हो सकती है.

Z-10ME के पास हैं 6 हार्डपॉइंट्स – यानी हथियार ले जाने वाले बाहरी स्थान.

यह कई खतरनाक हथियारों से लैस हो सकता है, जिसमें

·        AKD-10 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल

·        CM-502AG हवा से ज़मीन पर मार करने वाली मिसाइल

·        TY-90 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल

·        सटीक निर्देशित रॉकेट

·        CM-501X और CM-501XA मिनिएचर क्रूज़ और लोइटरिंग म्यूनिशन

·        SW-6 लॉन्चेबल UAV — यानी एक छोटा ड्रोन जो हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया जा सकता है.

ये सब मिलकर Z-10ME को एक मल्टी-डोमेन स्ट्राइक प्लेटफॉर्म बनाते हैं. यानी थल, वायु और सीमित सीमा तक साइबर/इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर में भी इसकी भूमिका बन सकती है.

Z-10ME की सबसे खतरनाक ताकत है इसका एडवांस डिफेंसिव एड सूट — जिसमें शामिल हैं:

इंजन इनटेक फिल्टरेशन सिस्टम

सिरेमिक आर्मर प्लेटिंग

मिसाइल अलर्ट सिस्टम

लेज़र वॉर्निंग रिसीवर

रडार वॉर्निंग

इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग क्षमता

और खास तौर पर – इंफ्रारेड-सप्रेस्ड एग्जॉस्ट सिस्टम, जो इसे MANPADS जैसे पोर्टेबल मिसाइल सिस्टम से बचाने में मदद करता है.

Z-10ME की ऑपरेशनल सर्विस सीलिंग यानी ऊँचाई सीमा 6,000 मीटर से ज़्यादा है — जो इसे ऊंचे और दुर्गम इलाकों में भी प्रभावी बनाती है.

एडवांस एवियोनिक्स और टारगेटिंग

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इस हेलीकॉप्टर में जो टेक्नोलॉजी लगाई गई है, वो इसे दिन-रात, हर मौसम में ऑपरेट करने योग्य बनाती है. इसमें निम्नलिखित टेक्नोलॉजी शामिल हैं:

·        मिलीमीटर वेव रडार (MMW)

·        इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम (EOTS)

·        हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD) — जो पायलट को सिर घुमाकर टारगेट लॉक करने की सुविधा देता है.

भारत के अपाचे हेलीकॉप्टर से हैं मुकाबला

दूसरी तरफ भारत का अपाचे AH-64E गार्जियन अटैक हेलीकॉप्टर अमेरिका का सबसे आधुनिक युद्धक प्लेटफॉर्म है और दुनिया भर में इसकी युद्धक्षमता साबित हो चुकी है. यह हेलीकॉप्टर करीब 10.4 टन का है और 2,500 किलोग्राम से ज्यादा पेलोड उठाने की क्षमता रखता है. 

इसमें हेलफायर मिसाइलें, हाइड्रा रॉकेट, 30 मिमी की चेन गन और लॉंगबो रडार सिस्टम जैसे घातक हथियार और सेंसर लगे होते हैं. अपाचे बहुत कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए प्रसिद्ध है. इसमें ड्यूल इंजन, टकराव-प्रतिरोधी सिस्टम और आधुनिक नाइट विजन/टारगेटिंग सिस्टम हैं. 

युद्ध के मैदान में इसकी सटीकता, पेलोड क्षमता और साबित ट्रैक रिकॉर्ड के चलते Z-10ME, टेक्नोलॉजी और विश्वसनीयता के मामले में इससे पीछे माना जाता है.

पाकिस्तान-चीन सैन्य सहयोग

Z-10ME सिर्फ एक हेलीकॉप्टर नहीं, बल्कि चीन-पाकिस्तान सैन्य गठजोड़ की नई पहचान भी है. चीन अब पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बन चुका है — चाहे वो VT-4 टैंक हों, Type-054A फ्रिगेट्स हों या JF-17 फाइटर जेट.

Z-10ME सौदा सिर्फ़ एक बिक्री नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि चीन पाकिस्तान को एक रणनीतिक ग्राहक से ज़्यादा – एक डिपेंडेंट सैन्य सहयोगी के रूप में देखता है.

क्या Z-10ME पाकिस्तान के लिए गेम चेंजर साबित होगा? या भारत की ताकतवर रक्षात्मक ढाल के आगे ये भी बेअसर रहेगा? लेकिन इतना तो तय है कि पाकिस्तान बार बार मात खाने के बाद भी सुधरेगा नहीं.

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