भारतीय नौसेना में शामिल हुए 2 शक्तिशाली स्टील्थ फ्रिगेट INS उदयगिरि और INS हिमगिरि

भारत की समुद्री शक्ति को नई उड़ान मिली है… 26 अगस्त 2025 को विशाखापत्तनम नौसेना बेस पर इतिहास रचा गया… जब एक साथ दो अत्याधुनिक स्टील्थ फ्रिगेट्स, INS उदयगिरि और INS हिमगिरि, भारतीय नौसेना में शामिल हुए.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हुआ ये आयोजन, आत्मनिर्भर भारत की नई तस्वीर पेश करता है.
ये दोनों युद्धपोत प्रोजेक्ट 17A का हिस्सा हैं, और खास बात यह है कि इन्हें दो अलग-अलग शिपयार्ड्स – मुंबई के MDL और कोलकाता के GRSE – ने बनाया है. यानी भारत का जहाज निर्माण कौशल अब किसी एक जगह तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश में आत्मनिर्भरता का विस्तार हो चुका है.
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि, भविष्य के युद्ध की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं.
इनमें है स्टील्थ टेक्नोलॉजी, यानी दुश्मन के राडार पर लगभग अदृश्य!
अत्याधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम.
सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइलें और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें.
साथ ही, रैपिड फायर गन और एंटी-सबमरीन क्षमताएँ.
ये युद्धपोत वाकई ‘ब्लू वॉटर नेवी’ का प्रतीक हैं, जो समुद्र की गहराइयों से लेकर आसमान तक, हर चुनौती का जवाब देने को तैयार हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि ये युद्धपोत न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों में भी अहम भूमिका निभाएंगे. यानी ये जहाज केवल युद्ध के लिए नहीं, बल्कि मानवता की रक्षा के लिए भी तैयार हैं.
INS उदयगिरि और हिमगिरि के नाम उन पुराने जहाज़ों के सम्मान में रखे गए हैं, जिन्होंने दशकों तक भारत की सेवा की. इस तरह, ये नए जहाज़ भारत की गौरवशाली समुद्री विरासत और भविष्य की आकांक्षाओं को जोड़ते हैं.

दोनों जहाज अब Eastern Fleet का हिस्सा होंगे, जिससे बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में भारत की ताकत और प्रभाव और भी बढ़ जाएगा. यह स्पष्ट संदेश है – भारत अब किसी भी खतरे का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम है.
INS उदयगिरि और INS हिमगिरि का शामिल होना सिर्फ दो नए युद्धपोतों की कहानी नहीं… ये आत्मनिर्भर भारत, नौसेना की नई सोच और भविष्य की शक्ति का प्रतीक हैं. भारत की ‘ब्लू वाटर नेवी’ अब और भी मज़बूत है – सदैव तैयार, सदैव सजग!