INS इक्षक: हिंद महासागर में भारत की नई समुद्री आंख, 80% स्वदेशी निर्माण के साथ नौसेना में शामिल

समुद्र की गहराइयों में छिपे रहस्यों को उजागर करने के लिए… भारत ने लॉन्च कर दिया है अपनी नई ‘समुद्री आंख’ – INS इक्षक. 14 अगस्त 2025… को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकाता ने भारतीय नौसेना को सौंपा— यार्ड 3027 “इक्षक”
ये है चार Survey Vessel (Large) श्रेणी के जहाजों में तीसरा, जिसे नौसेना के Warship Design Bureau ने डिज़ाइन किया है.
इस सीरीज़ का पहला जहाज INS Sandhayak — 3 फरवरी 2024 को कमीशन हुआ था. जबकि दूसरा — INS Nirdeshak, 18 दिसंबर 2024 को.. और अब… तीसरे नंबर पर है INS Ikshak, जो भारत की समुद्री ताकत को और मजबूत करेगा.
इक्षक का मिशन सिर्फ पानी में तैरना नहीं है… ये जहाज हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करेगा — बंदरगाहों, नौवहन चैनलों और गहरे समुद्री मार्गों का नक्शा बनाएगा. साथ ही, ये रक्षा और नागरिक उपयोग के लिए समुद्र विज्ञान और भू-भौतिकीय डेटा इकट्ठा करेगा.

अब जानते हैं इस जहाज की खासियत
इसका विस्थापन – 3,400 टन है. जबकि इसकी लंबाई 110 मीटर है. दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित INS Ikshak 18 नॉट से अधिक की गति प्राप्त कर सकता है.
इसमें अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम, Autonomous Underwater Vehicle, Remote Operated Vehicle, DGPS, Digital Side Scan Sonar… आदि से लैस है.

6 अगस्त 2021 को इसकी कील बिछाई गई… जबकि 26 नवंबर 2022 को जलावतरण हुआ… और अब, समुद्र और बंदरगाह के कठोर परीक्षणों के बाद ये भारतीय नौसेना का हिस्सा बन चुका है.
सबसे खास बात यह है कि इसमें 80% से ज्यादा स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है. ये सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की मिसाल है. साथ ही, ये पहला SVL जहाज है जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए विशेष आवास बनाया गया है.

INS इक्षक अब हिंद महासागर में भारत की नई नज़र बनकर दुश्मनों पर पैनी निगाह रखेगा… और समुद्र की गहराइयों से मिलने वाली हर जानकारी, भारत की सुरक्षा को और मजबूत करेगी.