स्पेन से भारत को मिला 16वां C-295, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

भारत ने स्पेन से अपना 16वां और आखिरी C-295 सैन्य परिवहन विमान प्राप्त कर लिया है — वो भी तय समय से पूरे दो महीने पहले!
स्पेन के सेविले शहर में स्थित एयरबस डिफेंस एंड स्पेस की असेंबली लाइन पर भारतीय राजदूत दिनेश के. पटनायक और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस ऐतिहासिक डिलीवरी को पूरा किया गया. यह सिर्फ एक डिलीवरी नहीं, बल्कि भारत की रक्षा क्षमताओं को मिलने वाली नई मजबूती है.
भारत ने सितंबर 2021 में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ कुल 56 C-295 विमानों के लिए समझौता किया था. डील के अनुसार, 16 विमान स्पेन से सीधे भारत आने थे – और अब वो सभी आ चुके हैं. पहली डिलीवरी अक्टूबर 2023 में हुई और अब 16वां यानी अंतिम स्पेनी विमान अगस्त 2025 में आया है.

इस समझौते के तहत बाकी 40 विमान भारत में ही बनेंगे, गुजरात के वडोदरा में. ये गुजरात में स्थित TATA Advanced Systems Limited (TASL) के परिसर में C-295 विमान निर्माण संयंत्र में बनेंगे, यह भारत का पहले निजी क्षेत्र का सैन्य विमान असेंबली प्लांट है. इसमें Bharat Electronics Ltd, Bharat Dynamics Ltd और MSME भी सहयोग करेंगे. जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने पिछले साल वडोदरा में किया था. इसे भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
जानते हैं C-295 विमान की खासियत

C-295 विमान एक मध्यम आकार का विमान है, जो सेना के जवानों और उपकरणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है. इस विमान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी आसानी से लैंडिंग कर सकता है.
इस विमान में 71 सैनिकों या 48 पैराट्रूपर्स को ले जाने की क्षमता है. इसमें 5 से 10 टन तक की भार उठाने की क्षमता है. C-295 की टेकऑफ टाइम कम है, जिस कारण इसे सैनिकों के आवाजाही के लिए सबसे बेहतर माना जाता है.
इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन लगे हुए हैं और यह 482 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इसकी अधिकतम गति 576 km/h है.

इसमें 6 हार्ड प्वाइंट्स बनाए गए हैं, जहां हथियार फिट किए जा सकते हैं. C-295 एयरक्राफ्ट 5000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. यह विमान 11 घंटे तक एक ही स्थान पर स्थिर रह सकता है. साथ ही यह अधिकतम 13533 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इस एयरक्राफ्ट की लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट और ऊंचाई 28.5 फीट है.
इस विमान के जरिए हवा में ही फिक्स्ड विंग वाले एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर में रीफ्यूलिंग की जा सकती है. इसमें अत्याधुनिक कॉकपिट और नेविगेशन सिस्टम लगा हुआ है.
इसकी लैंडिंग रन सिर्फ 320 मीटर है और टेक ऑफ रन 670 मीटर है. जो इसकी सबसे बड़ी खासियत में से एक है.
इसके अलावा इसमें मेडिकल स्ट्रेचर और उपकरण फिट कर एयर एम्बुलेंस की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. ये बाढ़, भूकंप या अन्य आपदाओं में राहत सामग्री पहुंचाने में सक्षम है. यह विमान हवा से सामान या सैनिकों को पैराशूट से गिरा सकता है, जो सीमावर्ती इलाकों में बेहद उपयोगी है.
C-295 सिर्फ एक सैन्य परिवहन विमान नहीं, बल्कि यह भारत की नई उड़ान, नई सोच और नई ताकत का प्रतीक है. सीमाओं की सुरक्षा, आपदा में राहत, और ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी — हर मोर्चे पर यह विमान भारतीय वायुसेना को और भी ज्यादा सक्षम बनाएगा.