INS हिमगिरि भारतीय नौसेना को सौंपा गया, आत्मनिर्भर भारत की नई छलांग

INS Himgiri Commissioned to Indian Navy – A Major Boost to Self-Reliant India

31 जुलाई 2025 – कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, यानी GRSE से भारतीय नौसेना को सौंपा गया है – INS हिमगिरि! प्रोजेक्ट 17A का तीसरा युद्धपोत, लेकिन GRSE में बना पहला!

हिमगिरि पूर्ववर्ती आईएनएस हिमगिरि का नया अवतार है, जो एक लिएंडर श्रेणी का फ्रिगेट था, जिसे राष्ट्र के प्रति 30 वर्षों की शानदार सेवा के बाद 06 मई, 2005 को सेवामुक्त कर दिया गया था. लेकिन नया हिमगिरि उससे कहीं ज्यादा आधुनिक, ज्यादा घातक और पूरी तरह स्वदेशी है!

यह अत्याधुनिक युद्धपोत नौसैन्य डिजाइन, उन्नत एवं अत्याधुनिक विशेषताओं से लैस, विस्तृत मारक क्षमता, स्वचालन तथा उत्तरजीविता में एक बड़ी छलांग को दर्शाता है और युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भरता का एक सराहनीय प्रतीक है.

Project 17A फ्रिगेट्स को भारतीय युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो ने डिज़ाइन किया है और कोलकाता के Warship Overseeing Team की देखरेख में GRSE ने तैयार किया है.

ये जहाज आधुनिक ‘मॉड्यूलर और एर्गोनॉमिक’ डिज़ाइन से बनाए गए हैं, जिन्हें समयबद्ध रूप से डिलीवर किया गया.

अब जानते है INS हिमगिरि की ताकत

INS हिमगिरि शिवालिक-श्रेणी (P17) की तुलना में अधिक उन्नत हथियार प्रणाली और सेंसर सूट लगाए गए हैं. यह युद्धपोत CODOG (Combined Diesel or Gas) प्रणोदन प्रणाली से संचालित होता है, जिसमें एक डीज़ल इंजन और एक गैस टरबाइन शामिल हैं. दोनों मिलकर हर शाफ्ट पर कंट्रोलेबल पिच प्रोपेलर (CPP) को शक्ति प्रदान करते हैं.

इसमें लगी है सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें

  • सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें
  • मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें
  • 76 मिमी नौसैनिक गन
  • 30 मिमी और 12.7 मिमी रैपिड-फायर क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS)
  • अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS)

इसके हर हिस्से में भारतीय तकनीक की चमक है. इसमें 75% स्वदेशी सामग्री लगी है. इसके अलावा  200 से अधिक MSMEs की भागीदारी और 14,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार का सृजन किया है.

Project 17A फ्रिगेट्स को तैयार किया गया है समुद्री क्षेत्र की हर चुनौती से निपटने के लिए – चाहे वो युद्ध हो, निगरानी हो या स्पेशल ऑपरेशन.

ये सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर भविष्य का प्रतीक है.

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