पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलों का एक साथ टेस्ट – दुश्मनों में खलबली!
ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया गया. प्रेक्षेपणों के दौरान सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों का सत्यापन कर लिया गया है. ये प्रक्षेपण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए.
अग्नि-1 मिसाइल का परीक्षण पहले अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि कुछ समय बाद पृथ्वी-2 मिसाइल को चांदीपुर स्थित आईटीआर के लॉन्च पैड नंबर-3 से दागा गया.
अग्नि-1 मिसाइल — 1,000 किलोग्राम तक परमाणु हथियार ले जा सकती है. DRDO की उन्नत प्रयोगशालाओं और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने इसे तैयार किया है. यह मिसाइल दुश्मन के एयरबेस, शहरों या सामरिक ठिकानों को निशाना बना सकती है.

वहीं पृथ्वी-2, भारत की पहली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज है 350 किलोमीटर — और ये मिसाइल इतनी सटीक है कि 500 से 1,000 किग्रा वॉरहेड को सीधा टारगेट पर गिरा सकती है. इसमें लिक्विड फ्यूल इंजन और एडवांस गाइडेंस सिस्टम है — यानी टारगेट बच नहीं सकता
दोनों मिसाइलें अब भारत के ऑपरेशनल सैन्य सिस्टम का हिस्सा हैं — और इनका आज का परीक्षण ये दिखाता है कि भारत किसी भी समय दुश्मन को जवाब देने के लिए फुल रेडी है.
यह सिर्फ़ एक टेस्ट नहीं… बल्कि एक रणनीतिक संदेश है — पाकिस्तान के लिए, जो लगातार LoC पर उकसावे वाली हरकतें करता है… और चीन के लिए, जो हिंद महासागर में घुसपैठ करने के सपने देखता है.
भारत अब वो नहीं रहा जो पहले था… आज का भारत पहले मारने की नीति पर यकीन नहीं करता… लेकिन अगर कोई ज़रूरत से ज़्यादा पास आया, तो ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ की ताकत उसे जला कर राख कर देगी.
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