AK-47 का नया अवतार! रूस ने पेश की AK-308 सुपर राइफल

रूस ने पेश की AK-308 सुपर राइफल

AK-47 की धमक दुनिया दशकों से सुन रही है… और अब रूस लेकर आया है उसका अपग्रेडेड वर्जन — AK-308!

एक ऐसी असॉल्ट राइफल जो सिर्फ बंदूक नहीं, युद्ध का संतुलन बदल सकती है. रूसी हथियार निर्माता Kalashnikov Concern ने AK-308 राइफल को आधिकारिक रूप से पेश कर दिया है. हालांकि इस राइफल को पहली बार 2018 में Army Expo में दिखाया गया था, लेकिन अब इसे पूरी दुनिया के सामने आधुनिक शहरी युद्ध के लिए तैयार कर दिया गया है.

AK-308 दरअसल AK-103 और AK-12 का फ्यूजन है — जहाँ तकनीक भी है, और कलाश्निकोव की परंपरागत सादगी भी.

600 मीटर दूर तक दुश्मन को मार गिराने में सक्षम

AK-308 में है 7.62x51mm NATO चैम्बरिंग — जो कि AK-47 या AK-12 के पारंपरिक राउंड से ज्यादा penetration और range देता है. इस राइफल की muzzle velocity है 2800 फीट प्रति सेकंड और इसकी muzzle energy 2600+ फुट-पाउंड है, जो इसे 600 मीटर दूर तक के दुश्मन को मार गिराने लायक बनाता है.

फोल्डेबल बटस्टॉक, एडजस्टेबल चीक रेस्ट और लंबा फोरएंड, AK-308 को शहरी और जटिल युद्ध के लिए एकदम परफेक्ट बैटल राइफल बनाते हैं.

जहाँ FN SCAR-H या M110 SASS जैसी वेस्टर्न राइफलें अधिक मेंटेनेंस मांगती हैं, वहीं AK-308 अपने गैस-ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम के कारण रेत, बर्फ, कीचड़ और high temperature में भी नॉन-स्टॉप फायर करने की क्षमता रखती है.

Kalashnikov ने खासतौर पर इसे भारत जैसे देशों के लिए इस राइफल को डिजाइन किया है. भारत पहले से ही S-400, फ्रिगेट्स और AK-203 जैसे कई रूसी हथियारों का उपयोग करता है.

AK-308 का इस्तेमाल भारतीय सेनाओं द्वारा किया जाना, भारत की ताकत को और बढ़ा सकता है — खासकर जब बात आए चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों से दो-दो मोर्चों पर निपटने की.

क्या AK-308, AK-47 की विरासत को अगले स्तर पर ले जा पाएगी?

क्या भारत इसे अपनाएगा? और क्या NATO को वाकई चिंता होनी चाहिए?

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