AI से चलने वाली भारतीय Machine Gun तैयार! अब बॉर्डर पर फौज नहीं, दिमाग लड़ेगा!

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस लाइट मशीन गन (एलएमजी)

भारत ने उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस लाइट मशीन गन (एलएमजी) सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. देहरादून स्थित रक्षा फर्म बीएसएस मैटेरियल लिमिटेड द्वारा विकसित एआई-संचालित नेगेव एलएमजी का भारतीय सेना के सहयोग से 14,000 फीट की ऊंचाई पर परीक्षण किया गया.

इस हथियार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगा है, जो दुश्मनों को पहचान सकता है. खुद से फायर कर सकता है. यह प्लेटफ़ॉर्म उन्नत दृश्य और थर्मल सेंसर से लैस है, जो दिन और रात में परिचालन क्षमता को सक्षम बनाता है. यह सभी मौसम में प्रभावी ढंग से काम करता है.

यह तकनीक भविष्य के युद्धों में, खासकर सीमा क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है. जहां मानव सैनिकों को तैनात करना जोखिम भरा होता है, वहां यह हथियार काम आ सकता है. यह परीक्षण भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में एक नया अध्याय जोड़ता है. AI-इनेबल्ड हथियारों से हमारी सेना को ज्यादा मजबूती मिलेगी. सीमा पर सुरक्षा बढ़ेगी. 

क्या है इसकी खासियत?

यह दुनिया की खतरनाक मशीन गन में से एक है. इस गन की कुल वजन 7.65 किलोग्राम है. इस गन में 5.56x45mm नाटो मैगजीन लगती है. यह गैस ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट तकनीक पर काम करती है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह गन एक बार में 850 से 1050 राउंड प्रति मिनट की रेट से फायरिंग कर सकती है.

इसके अलावा यह है कि गोलियां 915 मीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की धज्जियां उड़ा सकती है. इस मशीन गन की फायरिंग रेंज 300 से 1000 मीटर होती है.

अधिकतम 1200 मीटर तक फायर कर सकती है. इसमें 150 से 200 राउंड की बेल्ट या 35 राउंड की मैगजीन लगाई जा सकती है.

सीमित कनेक्टिविटी या GPS वाले क्षेत्रों में भी तेजी से खतरे का पता लगाने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है. यह तेजी से फायर, रिकॉइल या मूवमेंट के दौरान लक्ष्य की सटीकता बनाए रखता है. यह कम उड़ान वाले ड्रोन का तेज़ी से पता लगाता है और उन्हें ट्रैक करता है.

मनुष्यों पर निर्भरता होगी कम

यह AI-संचालित प्लेटफ़ॉर्म कठिन, उच्च-ऊंचाई, रणनीतिक रूप से संवेदनशील, उच्च-जोखिम वाले दूरस्थ क्षेत्रों में गेम-चेंजर साबित हो सकता है, जिससे जोखिम और मनुष्यों पर निर्भरता कम हो सकती है. इसका उद्देश्य वास्तविक क्षेत्र स्थितियों में इसकी सटीकता, विश्वसनीयता और समग्र प्रदर्शन का मूल्यांकन करना था.

BSS Material Limited और DRDO के सहयोग से भारत एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहा है जहां बॉर्डर पर फौज नहीं… टेक्नोलॉजी लड़ेगी!

अब युद्ध का चेहरा बदल चुका है… जहां भारत की बंदूकें अब सोचती हैं… और दुश्मन की हर हरकत का जवाब देती हैं!

ये है नई भारतीय सेना – तकनीक से लैस, आत्मनिर्भर और अजेय!

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