चीन की परमाणु मिसाइल DF-5B: अमेरिका पर मंडरा रहा है 12,000 KM दूर से खतरा!

DF-5B मिसाइल

चीन के पास दुनिया के कई खतरनाक हथियार है. वह कई मामलों में अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को टक्कर देता है. चीन ने एक बार फिर दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखाई है. उसने पहली बार अपनी परमाणु अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल F-5B की ताकत दिखाई है. DF-5B मिसाइल का टेस्ट काफी गोपनीय रखा गया था, लेकिन अब उसने जानकारी सबके सामने रख दी है. चीन के state broadcaster CCTV ने पहली बार देश के परमाणु हथियारों में से एक के कुछ key specifications  को जारी किया है. यह मिसाइल अमेरिका पर भी भारी पड़ सकती है.

जानते हैं इसकी खासियत

इस मिलाइल की रेंज 12000 किमोमीटर है. यह आईसीबीएम मिसाइल अमेरिका तक हमला करने में सक्षम है. यह मिसाइल 32.6 मीटर लंबी, 3.35 मीटर व्यास वाली और 183 टन वजनी थी. जबकि इसकी वारहेड झमता 4 मेगाटन है. जोकि द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों से लगभग 200 गुना अधिक शक्तिशाली है. यह मिसाइल 1970 के दशक की शुरुआत में विकसित किया गया था और 1981 में सेवा में लाया गया.

DF-5 चीन के परमाणु शक्ति के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसने दुनिया को दिखाया कि चीन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

अमेरिका के पास हैं मिसाइल मिनटमैन III

चीन के विरोधी देश अमेरिका की बात करे तो अमेरिका की मुख्य भूमि-आधारित मिसाइल मिनटमैन III है, जो पहली बार 1970 में सेवा में आई थी और एक ही वारहेड ले जाती है. इसके विपरीत, चीन अपने शस्त्रागार को उन्नत कर रहा है. अब उसके पास DF-5 के ऐसे संस्करण हैं जो कई परमाणु वारहेड ले जा सकते हैं और DF-31 और DF-41 जैसे अधिक आधुनिक मोबाइल सिस्टम हैं.

पिछले साल, चीन ने चार दशकों में अपना पहला स्वीकृत ICBM परीक्षण किया था, जिसमें प्रशांत क्षेत्र में एक डमी वारहेड दागा गया. विश्लेषकों के मुताबिक, यह मिसाइल संभवतः DF-31 का आधुनिक संस्करण है. चीन अपने परमाणु हथियारों की क्षमता को बढ़ा रहा है. वह पुराने हथियारों को अपग्रेड भी कर रहा है.

पेंटागन ने पिछले साल इस बात का दावा किया था कि चीन के पास 600 से ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जो कि ऑपरेशनल हैं. यह संख्या 2030 तक 1000 से अधिक होने की उम्मीद है. उसके पास 320 मिसाइल साइलो हैं.

बीजिंग का कहना है कि परमाणु हथियारों के संबंध में पहले प्रयोग न करने की नीति है. वह गैर-परमाणु राष्ट्रों के विरुद्ध इनका प्रयोग नहीं करेगा.

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