INDIA-PAKISTAN सीजफायर से China क्यों भड़क गया? पाकिस्तान ने किया ‘ड्रैगन’ का अपमान!

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर

भारत और पाकिस्तान के बीच जब गोलियों की आवाज़ थमी, तो एक देश की बेचैनी बढ़ गई… और वो था – चीन! भारत और पाकिस्तान के बीच हुई सीजफायर की घोषणा से एक तरफ जहां दक्षिण एशिया में शांति की उम्मीद जगी, वहीं दूसरी तरफ बीजिंग की भौंहे तन गईं. दरअसल, चीन को उम्मीद थी कि भारत-पाक का टकराव लंबा चलेगा, जिससे भारत की सैन्य और आर्थिक शक्ति पर दबाव पड़ेगा और चीन को रणनीतिक बढ़त मिलेगी.

लेकिन हुआ इसके ठीक उलट; सीजफायर जल्दी हो गया, और वो भी अमेरिका के हस्तक्षेप से. चीन इससे चिढ़ गया.

पाकिस्तान हमेशा चीन को “ऑल वेदर फ्रेंड” कहता है. लेकिन जब हालात बिगड़े तो इस बार इस्लामाबाद ने सीधे वाशिंगटन का रुख किया और चीन को दरकिनार कर दिया.

ये बात बीजिंग को बेहद नागवार गुज़री. पाकिस्तान ने दबाव में आकर सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद भारत में ड्रोन घुसपैठ शुरू कर दी, ताकि अपनी “कठोर छवि” भी दिखा सके और चीन की नाराज़गी भी दूर कर सके. सीजफायर के बाद पाकिस्तान ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की इसमें कहा गया कि “चीन ने पाकिस्तान के संयम और जिम्मेदार रवैये की तारीफ की है”. असल में ये चीन को खुश करने की चाल थी।

इसके 48 घंटे के अंदर, चीन ने भी एक कूटनीतिक बयान जारी किया. जिसमें दावा किया गया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के एनएसए अजीत डोभाल से बातचीत की, और इसी बातचीत ने सीजफायर में अहम भूमिका निभाई.

यानी चीन ने खुद को भी सीजफायर का ‘शांति निर्माता’ बताने की कोशिश की ताकि उसका प्रभाव कमजोर न दिखे.

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