चीन की ‘ड्रोन मदरशिप’ Jiu Tian: भारत के लिए नई चुनौती?

Jiu Tian

कल्पना कीजिए… एक ऐसा दुश्मन, जो आसमान से देख रहा है… ना सिर्फ़ देख रहा है… बल्कि अपने साथ सैकड़ों उड़ते हुए हथियार लेकर चल रहा है. एक ऐसा ‘ड्रोन कारवां’… जो युद्ध की दिशा बदल सकता है… और इस कारवां का सरदार है – Jiu Tian, चीन की पहली ‘ड्रोन मदरशिप’!

चीन जल्द ही अपना नया एडवांस्ड ड्रोन ‘मदरशिप’ जियु टियान (Jiu Tian) लॉन्च करने वाला है. सरकारी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस “ड्रोन मदरशिप” को जून के अंत तक अपने पहले मिशन के लिए उड़ान भरने की उम्मीद है. जियु टियान का अर्थ है ऊंचा आकाश. इस ड्रोन को शांक्सी अनमैन्ड इक्विपमेंट टेक्नोलॉजी द्वारा बनाया जा रहा है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिउ तियान ने नवंबर 2024 में चीन के प्रमुख झुहाई एयर शो में अपनी शुरुआत की.

इस ड्रोन की रेंज 7000 किलोमीटर है

चीन का दावा है कि जिउतियान 12 घंटे तक उड़ सकता है. इस ड्रोन की रेंज 7000 किलोमीटर है. यह 15000 मीटर ऊंचा उड़ने की काबिलियत रखता है. इसका टेक-ऑफ वजन 16000 किलोग्राम है. पेलोड क्षमता 6000 किलोग्राम है यानी वाहन का इस्तेमाल निगरानी तकनीक से लेकर गोला-बारूद तक की आपूर्ति करने के लिए किया जा सकता है.  

चीनी सरकारी मीडिया पर जारी एक वीडियो के अनुसार, पेलोड में 100 से ज्‍यादा छोटे ड्रोन, कामिकेज UAVs, क्रूज मिसाइलें और PL-12E जैसी मिसाइलें शामिल हो सकती हैं. इतना ही नहीं यह ड्रोन दुश्मन के रडार से बचते हुए मिसाइल अटैक भी कर सकता है.  इस ड्रोन को न सिर्फ युद्ध के लिए बल्कि इमरजेंसी लॉजिस्टिक्स, सीमा निगरानी और आपदा राहत के लिए भी डिजाइन किया गया है. इसमें AI-प्रोग्राम्ड ड्रोन स्वार्म लॉन्चर सिस्टम है. यह एक साथ कई दिशाओं में हमला कर सकता है. स्टील्थ टेक्नोलॉजी के चलते दुश्मन के रडार को चकमा दे सकता है

जिउतियन 82-फुट के पंखों और 16-टन के फ्रेम वाला एक विशाल प्लेटफ़ॉर्म है. इसका रडार क्रॉस-सेक्शन (आरसीएस) संभवतः महत्वपूर्ण है. चीन की इस तरह की हथियारों का सीधा असर भारत पर भी होता है. क्योंकि चीन का आक्रामक रुख कभी भी भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा सकता है. हाल ही में भारत –पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया है. ऐसे में भारत के लिए एक बड़ा खतरा उसके सामने है..

यह 15,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता सकता है

हालांकि सेंसर, जैमर और मिसाइलों के मिश्रण का उपयोग करके ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के ड्रोन झुंडों को बेअसर करने में भारत की हालिया सफलता साबित करती है कि Integrated एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन-भारी हमलों को खत्म कर सकती है. भले ही यह 15,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ता हो, लेकिन यह पहुंच से बाहर नहीं है.

चीन का जिउतियन SS-UAV, जिसे दुनिया का पहला “ड्रोन मदरशिप” कहा जाता है, हवाई युद्ध के नियमों को फिर से लिखने का वादा करता है. क्या यह विशाल UAV सैन्य तकनीक में एक क्रांतिकारी छलांग है, या आधुनिक वायु रक्षा के लिए सिर्फ़ एक अतिरंजित! 

यह तो आने वाला समय ही बतायेगा..

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