बांग्लादेश ने कहा, 1971 के नरसंहार के लिए माफी मांगे पाकिस्तान

5 अगस्त 2024 को जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भाग कर भारत पहुंची, तो सबसे ज्यादा खुशी पाकिस्तान को ही हुई. हालांकि शेख हसीना ने इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ बताया था. लेकिन पाकिस्तान को इस तख्तापलट में काफी संभावना दिखाई दी. इसका एक प्रमुख कारण बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों का उदय था.
पाकिस्तान ने तुरंत इसका स्वागत किया. क्योंकि शेख हसीना के समय पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध मधुर नहीं था. शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश ने युद्ध अपराधों के मुकदमे चलाए गए.
साल 2013 में बांग्लादेश में अब्दुल क़ादिर मुल्ला को फांसी दिए जाने के बाद पाकिस्तान ने चिंता व्यक्त करते हुए अपनी संसद में एक प्रस्ताव पारित किया था. 2016 में जमात-ए-इस्लामी के नेता मोतीउर रहमान निजामी जैसे लोगों को बांग्लादेश में फांसी दे दी गई. इसकी पाकिस्तान ने निंदा की और संबंधों में तनाव पैदा हुआ.

ऐसे में पाकिस्तान सही समय के इंतजार में बैठा था, जो उसे शेख हसीना के तख्तापलट के बाद लगा. पाकिस्तान ने सक्रियता बढ़ाई. अचानक भाईचारा उबाल मारने लगा. पाकिस्तानी अधिकारियों का बांग्लादेश में जाना शुरु हो गया.
इस बीच बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस को बनाया गया. मोहम्मद युनूस का शेख हसीना के साथ अच्छा नहीं था. ऐसे में प्रधानमंत्री बनने के बाद युनूस ने पाकिस्तान प्रेम दिखाया. जिससे दोनों के बीच कई सालों से बिगड़े संबंधों में सुधार होने लगा.
बांग्लादेश ने पाकिस्तान से हथियार खरीदा. बांग्लादेश की नई सरकार और वहां के नेताओं ने कई ऐसे बयान दिए जो भारत को कतई बर्दाश्त नहीं हो सकता था. लेकिन बांग्लादेश ऐसे ही हरकतों को अंजाम देता रहा है. लेकिन इस बीच बांग्लादेश ने एक ऐसी हरकत की है, जिससे पाकिस्तान को झटका है.
15 सालों के बाद हुई विदेश सचिव स्तरीय वार्ता

17 अप्रैल को दोनों देशों ने 15 वर्षों में अपनी पहली बार विदेश सचिव स्तरीय वार्ता की. इस बैठक के लिए पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच ढाका पहुंची. बैठक के दौरान व्यापार, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय मामलों और ऐतिहासिक रूप से अनसुलझे विवादों समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बलूच ने बांग्लादेश के अंतरिम पीएम मोहम्मद यूनुस से भी मुलाकात की. इस महीने के अंत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री की पहली बांग्लादेश यात्रा होगी. जोकि 2012 के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री की पहला यात्रा होगी. लेकिन इससे पहले बांग्लादेश ने एक ऐसी मांग कर दी है जिससे पाकिस्तान को झटका लगा है.
बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान हुए नरसंहार के लिए माफी मांगने को कहा है. साथ ही दूसरे द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने की मांग उठाई है. इसके साथ ही ढाका ने 1971 से पहले की परिसंपत्तियों के अपने हिस्से के तौर पर 4.3 अरब डॉलर की रकम पाकिस्तान से मांगी है. साथ ही 1970 के चक्रवात पीड़ितों के लिए मिली विदेशी सहायता ढाका को सौंपना शामिल है.
ढाका में बांग्लादेश विदेश सचिव जशीमुद्दीन और पाक विदेश सचिव आमना बलूच के बीच बातचीत में यह मुद्दे उठे हैं. बांग्लादेश की ये मांगें पाकिस्तान को नई मुश्किल में डाल सकती हैं.
दूसरी ओर आमना बलूच ने कहा कि वह ढाका आकर खुश हैं और बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ उनकी चर्चा अच्छी रही है. हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के माफी मांगने के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है. दोनों देशों के अधिकारी मिलकर समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भी इसी महीने बांग्लादेश का दौरा करने जा रहे हैं. साल 2020 में, तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने तब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को फ़ोन किया था. जिसके बाद पाकिस्तान में राजनीतिक तेज़ हो गया था.
साल 1970 और 1971 में अलग देश की मांग कर रहे बंगाली लोगों पर पाक सेना ने भारी अत्याचार किए. ऐसे में बांग्लादेश में पाकिस्तान के लिए एक नाराजगी रही है. बांग्लादेश की ओर से कई बार ये कहा गया है कि पाकिस्तान को 1971 के लिए माफी मांगी चाहिए. बांग्लादेश माफी को पाकिस्तान से रिश्ते के लिए जरूरी मानता रहा है.
ऐसे में बांग्लादेश की नई मांग का पाकिस्तान किस तरह जवाब देता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएंगा. लेकिन इतना तो तय है कि पाकिस्तान किसी भी कीमत पर अभी बांग्लादेश को अपने हथों से निकलने नहीं देगा.