नाटो के आक्रमण की स्थिति में भड़काने वाले देश सबसे पहले निशाने पर होंगेः Sergey Naryshkin

सर्गेई नारिश्किन

पिछले तीन सालों से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. अब यह खतरा दूसरे देशों पर भी मंडराने लगा है. रूस की एक धमकी के बाद सवाल उठ रहे हैं कि पुतिन क्या पोलैंड और बाल्टिक देशों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं?

रूस के खुफिया प्रमुख सर्गेई नारिश्किन ने NATO को खुली धमकी दी है कि अगर पोलैंड और बाल्टिक देश अपनी ‘आक्रामक’ हरकतें नहीं रोकते है, तो रूस जवाबी कार्रवाई करेगा. यह बयान तब आया है, जब यूक्रेन में रूस की बमबारी तेज़ हो गई है.

रूस के विदेशी खुफिया सेवा के डायरेक्टर सर्गेई नारिश्किन ने बेलारूस के राष्ट्रपति   अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात के बाद कहा कि पोलैंड और बाल्टिक देशों को भड़काने वाले देशों को यह एहसास होना चाहिए कि रूस और बेलारूस के खिलाफ NATO के आक्रमण की स्थिति में जवाबी हमलों का पहला निशाना होंगे, अगर NATO ने रूस और बेलारूस के खिलाफ आक्रामकता दिखाई, तो सबसे पहले पोलैंड और बाल्टिक देशों को नुकसान होगा.

नारिश्किन ने पोलैंड और बाल्टिक देशों (लातविया, लिथुआनिया, एस्तोनिया) पर ‘हथियार लहराने’ और ‘उकसाने’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ‘उन्हें पता होना चाहिए कि रूस और बेलारूस पर NATO द्वारा आक्रमण की स्थिति में निश्चित रूप से पूरे नाटो ब्लॉक पर जवाबी हमला होगा.

नारिश्किन ने पोलैंड के उस कथित प्लान का जिक्र किया, जिसमें वह बेलारूस और रूस के कलिनिनग्राद क्षेत्र की सीमा पर 20 लाख एंटी-टैंक माइंस बिछाने की योजना बना रहा है. साथ ही उसने अमेरिकी परमाणु हथियारों की मेजबानी करने की इच्छा भी जताई है.

साथ ही लातविया के रक्षा मंत्री आंद्रिस स्प्रूड्स ने भी कहा है कि उनका देश अपनी रक्षा को और मजबूत करने के लिए ‘हर संभव विकल्प’ पर विचार कर रहा है. नाटो एस्टोनिया में एटमी बेस बनाने के लिए तैयारी कर रहा है. जबकि लातविया के बॉर्डर पर नाटो एयरडिफेंस सिस्टम लगाने जा रहा है. इस बीच लिथुआनिया के बॉर्डर पर बारूदी माइन्स लगाई जाएंगी, जिससे बेलारूस से रूसी सैनिक ना घुस पाएं. बाल्टिक देशों में लातविया और एस्टोनिया की सीमा रूस से लगती है. इसलिए उस इलाके को पूरी तरह अभेद्य किले में तब्दील किया जा रहा है.

दरअसल, ये रूस के हमलों से सुरक्षा की तैयारी है. जबकि पोलैंड ने भी बेलारूसी सीमा सील कर दी है. जबकि फिनलैंड के रूसी बॉर्डर पर नाटो सैन्य ठिकाने बना रहा है. वहां एफ-16 तैनात किए जाएंगे. दोनों ही जगह हाइटेक हथियारों की खेप पहुंचाई जा रही है. हमला होने की स्थिति में तुरंत पलटवार किया जा सके. यूरोप को डर है कि ट्रंप पुतिन की बढ़ती नजदीकियों के कारण पुतिन को सीजफायर में ट्रंप ज्यादा छूट दे सकते हैं, जिसका खामियाजा यूरोप को भुगतना पड़ सकता है.

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